बाबा को जेल या बेल: कंप्यूटर बाबा की जमानत याचिका खारिज, 5 लाख की यकीन के साथ लगाई अर्जी
बाबा को जेल या बेल: कंप्यूटर बाबा की जमानत याचिका खारिज, 5 लाख की यकीन के साथ लगाई अर्जी

इंदौर.भाजपा और कांग्रेस दोनों के शासन काल में राज्य मंत्री का दर्जा पा चुके नामदेव दास त्यागी उर्फ ​​कम्प्यूटर बाबा की इस बार की दिवाली जेल में मनेगी या बाहर, इसका फैसला आज हो सकता है। कम्प्यूटर बाबा की ओर से एसडीएम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई, लेकिन शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका में एसडीएम राजेश राठौर की कोर्ट ने आवेदन खारिज कर दिया था। हालांकि उनके साथ गिरफ्तार किए गए अन्य सहयोगियों को जमानत दे दी गई है।

कंप्यूटर बाबा को 8 नवंबर को उनके आश्रम को तोड़ने की कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार कर 6 शिष्यों के साथ जेल भेज दिया गया था। तब से ही वे सेंट्रल जेल में बंद हैं। बाबा की तरफ से गुरुवार को एसडीएम कोर्ट में फिर से जमानत आवेदन लगाया गया है। साथ में 5 लाख की सुनिश्चित भी पेश की है। समर्थकों को उम्मीद है कि बाबा दिवाली जेल के बाहर ही मनाएंगे।

8 नवंबर को जमींदोज किया गया आश्रम
जिला प्रशासन ने 8 नवंबर को ग्राम जम्बूडी हप्सी के खसरा नंबर 610/1 और 610/2 की 46 एकड़ से ज्यादा जमीन में से दो एकड़ पर फैले लग्जरी आश्रम के अवैध कब्जे तोड़ने की बड़ी कार्रवाई को अंजाम किया था। पूरे आश्रम को चार पोकलेन की मदद से ध्वस्त किया गया था। इस दौरान अशांति फैलाने के आरोप में बाबा और उनके सहयोगी रामचरण दास, संदीप द्विवेदी, रामबाबू यादव, मोनू पंडित, जगदीप सहित कुल सात लोगों को एसडीएम राजेश राठौर द्वारा अगले आदेश पर जेल भेज दिया गया था। कार्रवाई के दौरान लगभग 100 जवानों के फोर्स के साथ एसपी पश्चिम महेशचंद जैन, एएसपी प्रशांत चौबे, तीन सीएसपी, पांच टीआई सहित कंट्रोल रूम का रिजर्व बल और डीआरपी लाइन के रिजर्व बल के युवा मौजूद थे।
9 नवंबर को भी दूसरे कब्जों को ढहाया था
प्रशासन ने सुपर कॉरिडोर पर लगभग पांच करोड़ मूल्य की 20 हजार वर्गफीट जमीन मुक्त कराई थी। इसके लिए इस जमीन पर दो कमरे और लगभग 1200 वर्गफीट पर निर्माण था। बाकी जमीन खुली थी। इसके कब्जा मुक्त होते ही आईडीए ने दोपहर में ही अफसरों को भेज दिया। सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक, यहां सड़क बनाई जाएगी। इसके बाद टीम अंबिकापुरी एक्सटेंशन के देवी मंदिर पहुंची। यहां बाबा ने कब्जा कर भवन बना रखा था। इसके बारे में रहवासी संघ कई शिकायतें कर रहा है। प्रशासन ने आश्रम को खाली कराया और भवन में रहने वाले संघों को सौंप दिया। दीवार पर सूचना भी लिखवा दी कि अब यह सार्वजनिक संपत्ति है। इसका संचालन व रखरखाव अंबिकापुरी मेन व एक्सटेंशन रहवासी संघ करेगा।

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आश्रम से 10 ट्रक सामान मिला था
आश्रम से दस ट्रक सामान निकला था। सामान हटाने में निगमकर्मियों को दो घंटे लग गए थे। इसमें महंगे सोफे, टीवी, एसी, फ्रिज, कार जो मूसाखेड़ी के किसी रमेश सिंह तोमर के नाम पर है। इसके अलावा गन, बुलेट, एंटी क्रीम, साबुन आदि शामिल थे।

गैजेट के शौकीन इसलिए कम्युनिकेट बाबा कहलाए, 2014 से राजनीति करने की चाह
1965 में जन्मे नामदेव दास त्यागी को नरसिंहपुर में वर्ष 1998 में एक बाबा ने अपने गैजेट प्रेम और हमेशा लैपटॉप के साथ रखने के कारण कम्प्यूटर बाबा नाम दिया था। साल 2014 में उन्होंने आम आदमी पार्टी से उन्हें उम्मीदवार बनाने की मांग की थी, लेकिन बात नहीं बनी। वर्ष 2018 में सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नर्मदा यात्रा में हुए पौधरोपण को लेकर आरोप लगाए गए और यात्रा की घोषणा की गई। अप्रैल 2018 में राज्य मंत्री बना दिया गया। बाद में भाजपा से मोहभंग हुआ और कांग्रेस की तरफ झुक गए। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के दिग्विजय सिंह की जीत के लिए यज्ञ भी किया।

हमेशा सुर्खियों में रहे

  • बाबा ने गोम्मटगिरि आश्रम की जमीन पर विवाद के बाद सबसे पहले राजबाड़ा पर आमरण अनशन किया था। उस समय तत्कालीन मंत्री और वर्तमान भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अनशन खत्म कर दिया था।
  • अंबिकापुरी स्थित श्रीसिद्ध कालीधाम मंदिर को लेकर हुई हत्या के मामले में भी बाबा को लेकर आरोप लगे थे।
  • 2011 में कंप्यूटर बाबा ने गोम्मटगिरि आश्रम पर लघु कुंभ आयोजित किया था। इसके प्रचार के लिए उन्होंने हेलिकॉप्टर से गांव-गांव में पर्चे सूचीबद्ध किए थे।

 

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