New Delhi News : नईदिल्ली । पोषणयुक्त चावल को लोकप्रिय बनाने और इसके फायदों के बारे में लोगों को विशेष रूप से देश के जनजातीय क्षेत्रों को जागरूक करने के लिए, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) और गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना राजस्थान, केरल की राज्य सरकारों ने उन जनजातीय क्षेत्रों और जिलों में कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए। जहां के लोग थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया की चपेट में आते हैं।
तकनीकी विशेषज्ञों और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग और एफसीआई के अधिकारियों द्वारा प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किए गए। विशेषज्ञों ने जनता के लिए पोषणयुक्त चावल के लाभों पर प्रकाश डाला और लोगों और स्थानीय मीडिया की चिंताओं और गलतफहमी को दूर किया।
फोर्टीफिकेशन एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित सूक्ष्म पोषक तत्व (लौह, फोलिक एसिड, विटामिन बी 12) को 1:100 के अनुपात (100 किलोग्राम के साथ 1 किलोग्राम एफआरके मिलाकर) में फोर्टीफाइड राइस कर्नेल (एफआरके) यानी पोषणयुक्त चावल के दाने सामान्य चावल (कस्टम मिल्ड चावल) में मिलाने की प्रक्रिया है। पोषणयुक्त चावल सुगंध, स्वाद और बनावट में लगभग पारंपरिक चावल के समान होते हैं। यह प्रक्रिया चावल मिलों में चावल को भूसी से अलग करते समय की जाती है।
चावल की भूसी अलग करने वाली मशीनों, एफआरके निर्माताओं, उद्योगों और अन्य हितधारकों पर निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए पोषणयुक्त चावल के उत्पादन और आपूर्ति के लिए चावल फोर्टीफिकेशन इकोसिस्टम उल्लेखनीय ढंग से बढ़ाया गया है। देश में 9000 से अधिक चावल मिलें हैं जिन्होंने पोषणयुक्त चावल के उत्पादन के लिए सम्मिश्रण बुनियादी ढांचा स्थापित किया है और उनकी संचयी मासिक उत्पादन क्षमता लगभग 60 एलएमटी है ।
जो पिछले वर्ष से 4 गुना से अधिक चावल का फोर्टिफिकेशन कम प्रतिवर्तन काल (टीएटी) के साथ आहार में विटामिन और खनिज सामग्री को बढ़ाने के लिए किफायती और पूरक रणनीति है और पोषण सुरक्षा की दिशा में एक कदम है और देश में एनीमिया और कुपोषण से लड़ने में मदद करता है। इस रणनीति को दुनिया के अनेक भागों में लागू किया गया है।