New Delhi News : नईदिल्ली । युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय का युवा कार्यक्रम विभाग 1 अक्टूबर से एक महीने तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी स्वच्छ भारत 2.0 अभियान का शुभारंभ करेगा। इसकी घोषणा केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक ट्वीट के माध्यम से की है। अपने वीडियो संदेश में अनुराग ठाकुर ने कहा है कि विकसित भारत के लक्ष्य में साफ-सफाई बहुत अहम भूमिका निभाती है। इसलिए स्वच्छ भारत 2.0 हमारी प्राथमिकता है।
उन्होंने बताया कि नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) से जुड़े युवा मंडलों और राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़ी संस्थाओं के नेटवर्क के जरिए देश भर के 744 जिलों के 6 लाख गांवों में स्वच्छ भारत 2.0 कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
ठाकुर ने बताया कि भारत को स्वच्छ बनाने को लेकर जागरूकता बढ़ाने, लोगों को संगठित करने और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 1 अक्टूबर को प्रयागराज से “स्वच्छ भारत 2.0” की शुरुआत की जाएगी।
इस पहल में विभिन्न क्षेत्रों, भाषाओं और पृष्ठभूमि के लोग एक साथ काम करेंगे और इन लोगों द्वारा पूरी तरह से स्वैच्छिक आधार पर कचरे की सफाई की जाएगी।
स्वच्छता के महत्व का एहसास कराने का प्रयास : ठाकुर ने कहाकि स्वच्छ भारत 2.0 महज़ एक कार्यक्रम नहीं है बल्कि ये लोगों को स्वच्छता के महत्व का एहसास कराने का एक प्रयास है। ये देश के हैप्पीनेस इंडेक्स में भी अपना योगदान देगा। युवा कार्यक्रम विभाग इस अभियान को देश में लोगों द्वारा चलाए जा रहे सबसे बड़े स्वच्छता अभियान में तब्दील करने की कोशिश कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले साल 75 लाख किलो प्लास्टिक कचरे के निस्तारण का लक्ष्य न सिर्फ हासिल किया गया।बल्कि उससे भी ज्यादा का निस्तारण किया गया।
पिछले साल के स्वच्छ भारत अभियान की सफलता के बाद इस साल युवा कार्यक्रम विभाग ने 1 करोड़ किलो प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करने और निपटाने का लक्ष्य रखा है। ठाकुर ने सभी लोगों से स्वच्छ भारत 2.0 अभियान में भाग लेने और एक-दूसरे को जिम्मेदार नागरिक के तौर पर प्रेरित करने की अपील की है।
स्वच्छ भारत कार्यक्रम का उद्देश्य 01 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2022 तक देश के सभी जिलों में सार्वजनिक स्थानों व घरों की सफाई का आयोजन करना है। जागरूकता पैदा करने के लिए समाज के सभी वर्गों, पीआरआई, गैर-सरकारी संगठनों सहित सरकारी संगठनों को शामिल करना है। इसके साथ ये अभियान “स्वच्छ काल: अमृत काल” का मंत्र भी देगा और जन भागीदारी के माध्यम से इस कार्यक्रम को एक जन आंदोलन में तब्दील कर देगा।