Himachal News : चंबा हिमाचल प्रदेश । हिमाचल प्रदेश के आकांक्षी जिले चम्बा में एक विज्ञान संग्रहालय का शुभारम्भ केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री और पीएमओ राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इसे स्टार्टअप से जोड़ते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहाकि इस पहाड़ी क्षेत्र में अत्याधुनिक संस्थान छोटे बच्चों को अपनी क्षमताओं की खोज करने और अपने नवीन कौशलों को बाद में जीवन में आजीविका का एक स्रोत खोजने में उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वतंत्र संस्थान राष्ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्थान द्वारा गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल (जीबीएसएसएस), चम्बा में स्थापित “डीबीटी-एनआईपीजीआर-पंडित जयवंत राम उपमन्यु विज्ञान संग्रहालय” से स्कूली बच्चों के बीच वैज्ञानिक मनोवृत्ति विकसित करने में सहायता मिलेगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहाकि एक समृद्ध जैव विविधता वाला हिमालयी राज्य होने के नाते हिमाचल एग्री-टेक स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सबसे उपयुक्त है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग देश में जारी स्टार्टअप की धूम के बीच युवा नवोन्मेषकों को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।
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उन्होंने कहाकि हिमाचल प्रदेश जैसे हिमालयी राज्यों में भूगोल और जलवायु परिस्थितियां औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के अनुकूल हैं और इन्हें एग्री-टेक और सुगंधित उद्यमों के रूप में विकसित किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को जम्मू-कश्मीर में सीएसआईआर समर्थित अरोमा मिशन के अध्ययन और कार्यान्वयन के लिए हर संभव मदद की पेशकश की, जिसे हिमाचल में बड़े पैमाने पर दोहराया जा सकता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहाकि हाल में प्रधानमंत्री मोदी ने आकांक्षी जिलों की प्रगति की समीक्षा की और टिप्पणी की। चाहे स्वास्थ्य, पोषण शिक्षा या निर्यात हो, विभिन्न मापदंडों पर आकांक्षी जिलों की सफलता खुशी की बात है। यह देखकर खुशी हो रही है कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम से लाखों लोगों के जीवन में बदलाव आया है।
केंद्रीय मंत्री को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि नीति आयोग ने मार्च 2019 में स्वास्थ्य और पोषण में चंबा को दूसरे स्थान पर रखा। वहीं देश भर में चिह्नित 117 जिलों में इसे नवंबर 2020 में मूलभूत बुनियादी ढांचे के मामले में सर्वश्रेष्ठ जिलों में शामिल किया। अक्टूबर 2021 में इसे दूसरे पायदान पर रखा गया। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिले की अवधारणा उद्देश्यपूर्ण मापदंडों पर आधारित है और इसे कुछ आवश्यक सूचकांकों पर मूल्यांकन के आधार पर वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया है।