पूर्वोत्तर को गडकरी की सौगात, कहा- 2024 तक तीन लाख करोड़ की सड़क परियोजनाएं पूरी होंगी

नॉएडा  : केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कुल 1.6 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली आगामी नई परियोजनाओं को मंजूरी देने की घोषणा की। असम के गुवाहाटी में उत्तर पूर्वी क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा के समापन संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में सड़कें, रोपवे, आरओबी, ब्रह्मपुत्र नदी एवं अन्य जल निकायों पर बड़े पुल शामिल हैं।  गडकरी ने कहा कि त्रिपुरा के उदयपुर और असम के सिलचर में मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क भी प्रस्तावित किए गए हैं। 

 गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हम उत्तर पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी की कमी को पाटने और इस क्षेत्र में परिवहन के बुनियादी ढांचे को गति देने की दिशा में काम कर रहे हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि लगभग 50 वे-साइड सुविधाएं और 50 व्यू -पॉइंट भी विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक बार निर्माण पूरा हो जाने पर, इनसे उत्तर पूर्वी क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र और अर्थव्यवस्था को उल्लेखनीय बढ़ावा मिलेगा।

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देश में पहले मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के लिए कार्य का किया  आवंटन : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय देश में 35 मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क्स (एमएमएलपी) स्थापित कर रहा है जिनमें से 15 की स्थापना अगले तीन साल में की जाएगी। इसके साथ ही देश में उद्योग को अधिक प्रभावी और लचीला बनाने के उद्देश्य से 2022 में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स पॉलिसी शुरू की गई जो लॉजिस्टिक ईकोसिस्टम के भीतर विभिन्न एजेंसियों के प्रभावी एकीकरण और इस प्रक्रिया के प्रवाह को सुगम बनाने के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों को अपनाने जैसे इन दो मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित थी।

देश भर में स्टेट ऑफ द आर्ट मल्टी मॉडल अवसंरचना के निर्माण को गति देने के लिए मंत्रालय ने राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत पर्याप्त प्रगति की है। इसके तहत चेन्नई के माप्पेदु में 184.27 एकड़ क्षेत्र में एक एमएमएलपी स्थापित की जा रही है और इस पहली एमएमएलपी का कार्य मेसर्स रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आवंटित किया गया है। प्रधानमंत्री ने गत 26 मई 2022 को इसका शिलान्यास किया था।

मंत्रालय द्वारा बनाए जा रहे इस नए एमएमएलपी के साथ ही देश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में बड़े पैमाने पर स्टेट ऑफ द आर्ट अवसंरचना के विकास की भी एक तरह से नीव रख दी गई। इस कार्य में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने साथ मिलकर एक सरकारी एसपीवी का गठन किया जिसमें नेशनल हाइवेज लॉजिस्टक्स मैनेंजमेंट लिमिटेड, रेल विकास निगम लिमिटेड, चेन्नई पोर्ट अथॉरिटी और तमिलनाडु इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को शामिल किया गया है।

इस परियोजना की अनुमानित लागत 1424 करोड़ रुपए है। इस परियोजना के निर्माण और रख-रखाव की अवधि 45 साल होगी। इस एसपीवी के तहत 104 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 5.4 किलोमीटर दूरी का चार लेन वाला राष्ट्रीय राजमार्ग तैयार करने के साथ ही 217 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 10.5 किलोमीटर लम्बा एमएमएलपी तक का नया रेल मार्ग बनाया जाएगा।

इस एमएमएलपी का विकास तीन चरणों में किया जाएगा, जिसमें पहले चरण का विकास 783 करोड़ रुपए की अनुमानित विकास निवेश राशि से दो साल के अंदर किया जाएगा और यह 2025 तक व्यावसायिक रूप से काम करना शुरू कर देगा। चेन्नई स्थित एमएमएलपी चेन्नई पोर्ट से 52 किलोमीटर, एन्नोर पोर्ट से 80 किलोमीटर और कतुपल्ली हवाई अड्डे से 87 किलोमीटर की दूरी पर बनाया जाएगा और यह देश के दक्षिणी क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स का महत्वपूर्ण बिंदू होगा। अनुमान है कि अपनी 45 वर्ष की अवधि में यह 7.17 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) सामान की ढुलाई करेगा।   

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