नई दिल्ली : कोयला मंत्रालय तथा कोयला कंपनियों ने सभी उपभोक्ताओं को गुणवत्ता संपन्न कोयले की सप्लाई के उद्देश्य को पाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। कोयला कंपनियां 100 प्रतिशत गुणवत्ता संतुष्टि हासिल करने का प्रयास कर रही हैं। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) साधनों से घोषित ग्रेड की कोयले सप्लाई की अनुरूपता में काफी सुधार हुआ है। 2022-23 (नवंबर 2022 तक) में ग्रेड अनुरूपता बढ़कर 69 प्रतिशत हो गई है, जो 2017-18 में 51 प्रतिशत थी।
गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए गए कदमों में कोयला खदानों का समय-समय पर ग्रेड निर्धारण, सरफेस माइनर जैसी उन्नत खनन टेक्नोलॉजी को लागू करना, धुले कोयले की सप्लाई, कोयले की सतह से रैपिड लोडिंग साइलो तक बेल्ट पर कोयले के सीधे परिवहन के लिए पहले मील की कनेक्टिविटी, ऑटो एनेलाइजर आदि प्रमुख हैं। विभिन्न अधिकारियों/एजेंसियों को घोषित ग्रेड के अनुरूप कोयले की सप्लाई सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है। ग्रेड में अंतर का प्राथमिक कारण भारतीय कोयले की अंतर्निहित विषम प्रकृति है। इसका अर्थ है विभिन्न बिंदुओं पर एक ही सीम के भीतर निकाले गए कोयले का कैलोरी मूल्य भिन्न होता है।
मंत्रालय के अंतर्गत अधीनस्थ कार्यालय, कोयला नियंत्रक संगठन (सीसीओ) नियमित रूप से समीक्षा करता है और कोयला खदानों के ग्रेड को घोषित करता है। इसमें वार्षिक कोयला खान/लोडिंग प्वाइंट, ग्रेड घोषणा कार्य शामिल हैं। उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ाने के लिए खान से डिस्पैच स्थान तक कोयले के गुणवत्ता प्रबंधन पर विशेष बल दिया गया है। अब सीआईएल के सभी उपभोक्ताओं के पास स्वतंत्र थर्ड पार्टी सैंप्लिंग एजेंसियों (टीपीएसए) के माध्यम से सप्लाई गुणवत्ता निर्धारण का विकल्प है। मान्यता प्राप्त थर्ड पार्टी एजेंसियों को डीआईएस मानकों के तहत लोड किए गए कोयला बैगनों/लॉरियों से कोयले की गुणवत्ता का पता लगाने के काम लगाया गया है।
उपभोक्ताओं को पसंदीदा थर्ड पार्टी एजेंसियां उपलब्ध कराने के लिए सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ माइनिंग एंडे फ्यूल रिसर्च (सीआईएमएफआर) तथा भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के अतिरिक्त दो और एजेंसियों- विद्युत तथा गैर विद्युत क्षेत्रों के लिए मेसर्स एसजीएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (सीआईएल), विद्युत क्षेत्र के लिए मेसर्स मित्रा एस के प्राइवेट लिमिटेड को पैनल में शामिल किया गया है। विद्युत/गैर विद्युत क्षेत्र सभी के उपभोक्ता पैनल में शामिल किसी भी एजेंसी की सेवा लेने के लिए स्वतंत्र हैं। कोयला कंपनियां थर्ड पार्टी एजेंसियों द्वारा सैंप्लिंग लागत का 50 प्रतिशत साझा करती हैं। उपभोक्ताओं को कोयले की संयुक्त सैंप्लिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। खदानों में गुणवत्ता जागरूकता लाने के लिए कोयला कंपनियां गुणवत्ता सप्ताह और गुणवत्ता पखवाड़ा नियमित अंतराल पर उपभोक्ता प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ आयोजित कर रही हैं। निरंतर निगरानी, अधिक जागरूकता अभियानों तथा सुधार उपाय से कोयले की सप्लाई में गुणवत्ता अनुरूपता दिखने लगी है।
सीआईएल प्रारंभ में कोयला सप्लाई की घोषित ग्रेड के अनुसार उपभोक्ताओं को बिल देती है। यह अस्थायी बिल बाद में तब समायोजित होता है जब कोयले की वास्तविक गुणवत्ता की जांच होती है और इसे अधिकृत थर्ड पार्टी सैंप्लिंग एजेंसी द्वारा प्रमाणित किया जाता है। डेबिट/क्रेडिट बिलों के समाधान और भुगतान के लिए एक वाणिज्यिक व्यवस्था है जो तीसरे पक्ष की वैधता और संदर्भित सैंप्लिंग विश्लेषण परिणाम पर आधारित है। सीआईएल द्वारा सप्लाई किए गए कोयले की समग्र ग्रेड समानता सीआईएल द्वारा जारी क्रेडिट और डेबिट नोट के सकल प्रभाव से स्पष्ट होती है। इससे दिखता है कि 2021-22 के दौरान सीआईएल ने 400 करोड़ रुपए का बोनस अर्जित किया है और चालू वित्त वर्ष के दौरान अक्टूबर 2022 तक लगभग 201 करोड़ रुपए का बोनस कमाया है।
कोयला सप्लाई की थर्ड पार्टी वैधता देखने के लिए उपभोक्ताओं/जन साधारण के लिए कोल ऐप उत्तम (UTTAM) उपलब्ध है। अनेक उपभोक्ता अपना कोयला उपयोग नियोजित करने में इस ऐप का लाभ उठा रहे हैं।