उत्तर प्रदेश के कानपुर में दिवाली की रात हुई छह साल की बच्ची की हत्या मामले में पुलिस ने दिल को दहला देने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने मामले में दंपती सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। बच्ची की हत्या काले जादू व तंत्र-मंत्र के चक्कर में हुई थी। दंपती के कोई संतान नहीं था, इसलिए उन्होंने अपने भतीजे से बच्ची की हत्या कराई। भतीजे ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर पहले मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद उसका कलेजा (लीवर) निकालकर अपने चाचा-चाची के हाथों में रख दिया गया। चाचा-चाची ने कलेजा खाया और बाकी अंग कुत्ते को खिला दिया था। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए दंपती ने 500 रुपए भतीजे को और उसके दोस्त को 1000 रुपए दिए थे।
पड़ोस की दुकान पर सामान लेने गई बच्ची थी, फिर नहीं लौटी
एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस गांव के एक शख्स की छह साल की बेटी दिवाली पर शनिवार शाम पड़ोस की दुकान पर कुछ सामान लेने गया था, लेकिन घर नहीं लौटे। परिजन रात में उसकी तलाश करते रहे, साथ ही पुलिस को सूचना दी। सुबह काले मंदिर के पास कुछ लोगों को बच्ची का क्षत-विक्षत शव मिला। शरीर पर कपड़े नहीं थे। पास में ही खून से सनी उसकी चप्पलें पड़ी थी।
मौका-ए-वारदात की पड़ताल में तंत्र-मंत्र के कारण वारदात को अंजाम दिए जाने का अंदेशा जताया गया। ऐसा इसलिए, क्योंकि घटना दिवाली की रात की थी। इस दिन अघोरी साधना वाले अनुष्ठान करते हैं, दूसरा यह कि शव काली मंदिर के सामने मिला था। शरीर के कई अंग अंग भी गायब थे।
जांच-पड़ताल के दौरान पुलिस को मिली जानकारी
पड़ताल के दौरान पुलिस के हाथ एक जानकारी लगी जिसके आधार पर पुलिस ने गांव के ही अंकुल और बीरन को हिरासत में ले लिया। उसके बाद की घटना से जुड़ी जानकारी एकत्र करने के लिए कड़ाई से हस्तक्षेप करने लगे। पहले तो दोनों युवक पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन आखिरकार वे टूट गए और पुलिस के सामने सच्चाई बयान की तो पुलिसवालों वालों की रूह कांप उठी। अंकुल ने बताया कि चाचा परशुराम ने दोनों को बुलाकर बताया था कि उसने एक किताब में पढ़ा है कि अगर किसी बच्ची का कलेजा वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर खाए तो संतान की प्राप्ति होगी।
इसके लिए परशुराम ने अपने भतीजे अंकुल को कुछ पैसे दिए, जिसको लेकर अंकुल ने पहले अपने दोस्त बीरन के साथ शराब पिया और फिर पड़ोस में ही रहने वाली मासूम बच्ची हो पटाखा पाने के बहाने घर से लेकर आए थे। फिर चाचा परशुराम के कहने के अनुसार जंगल में पहले उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया। बाद में पेट फाड़कर अंदर से सारे अंग निकाल लिए और चाचा परशुराम को ले जाओ दे दिए। अंकुल ने बताया कि चाचा परशुराम ने चाची के साथ मिलकर बच्ची का कलेजा / लीवर खाया और बाकी अंग कुत्ते को खिलाया। फिर पॉलिथीन में बांध कर फेंक दिया जाता है। अंकुल ने बताया कि चाचा ने इस काम के लिए उसको 500 और उसके साथी वीरन कुरील ने 1,000 रुपए देकर तैयार किया था।
संतान की चाह में कलेजा लाने को भतीजे को किया था तैयार
एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि उसी गांव में रहने वाले परशुराम की शादी 1999 में हुई थी। लेकिन उसे कोई भी संतान नहीं था। संतान की चाहत में उसने अपने भतीजे अंकुल को बच्ची का कलेजा लाने के लिए तैयार किया। घटना की पूरी जानकारी परशुराम व उसकी पत्नी सुनैना को भी थी। दोनों को हिरासत में ले लिया गया है। अभी दोनों से गहनता से पूछताछ की जा रही है और वहीं, अंकुल और वीरन कुरील को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।)
मुख्यमंत्री ने घटना का लिया था संज्ञान
घटना का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया था। उन्होंने अफसरों को घटना का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। जिसके चलते कानपुर की पुलिस ने तेजी दिखाते हुए सोमवार देर रात घटना का खुलासा कर दिया है।