बेंगलुरू : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेंगलुरु के येलहंका स्थित वायु सेना स्टेशन में एशिया के सबसे बड़े एयरो शो- एयरो इंडिया 2023 के 14वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया गया। यह पांच दिवसीय कार्यक्रम ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉरच्युनिटीज’ विषय पर एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में भारत की वृद्धि को प्रदर्शित करेगा। यह एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन के अनुरूप स्वदेशी उपकरण/प्रौद्योगिकियां प्रदर्शित करेगा और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी करेगा।
इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरु का आकाश न्यू इंडिया की क्षमताओं का साक्षी बन रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नई ऊंचाई नए भारत की सच्चाई है। आज भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है और उन्हें पार भी कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एयरो इंडिया 2023 भारत की बढ़ती क्षमताओं का एक शानदार उदाहरण है और इस आयोजन में लगभग 100 देशों की उपस्थिति उस भरोसे को दर्शाती है जो पूरी दुनिया भारत में दिखाती है। उन्होंने दुनिया की प्रसिद्ध कंपनियों के साथ-साथ भारतीय एमएसएमई और स्टार्टअप सहित 800 से अधिक प्रदर्शकों की भागीदारी का उल्लेख किया। एयरो इंडिया 2023 ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉरच्युनिटीज’ की थीम का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की क्षमता प्रत्येक गुजरते दिन के साथ बढ़ती जा रही है।
इस कार्यक्रम के साथ आयोजित होने वाले रक्षा मंत्री कॉन्क्लेव और मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोलमेज सम्मेलन का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी से एयरो इंडिया की क्षमता बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में हो रहे एयरो इंडिया के महत्व का उल्लेख किया जो भारत की तकनीकी प्रगति का केंद्र है। उन्होंने कहा कि इससे कर्नाटक के युवाओं के लिए विमानन क्षेत्र में नए रास्ते खुलेंगे। प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के युवाओं से देश को मजबूत बनाने के लिए रक्षा के क्षेत्र में अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग करने का आह्वान किया।
जब देश नई सोच, नए दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ता है तो उसकी व्यवस्थाएं भी नई सोच के अनुसार बदलने लगती हैं। प्रधानमंत्री ने याद किया कि जब एयरो इंडिया ‘मात्र एक प्रदर्शनी’ और ‘बिक्री के लिए भारत के लिए एकल खिड़की हुआ करता था, लेकिन अब धारणा बदल गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एयरो इंडिया भारत की ताकत है और केवल एक प्रदर्शनी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह न केवल रक्षा उद्योग के दायरे को प्रदर्शित करता है बल्कि भारत के आत्मविश्वास को भी प्रदर्शित करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सफलताएं उसकी क्षमताओं की गवाह हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजस, आईएनएस विक्रांत, सूरत और तुमकुर में उन्नत विनिर्माण सुविधाएं, आत्मनिर्भर भारत की क्षमता हैं जिसके साथ दुनिया के नए विकल्प और अवसर जुड़े हुए हैं।
सुधारों की मदद से हर क्षेत्र में लाई गई क्रांति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का नया भारत न तो कोई अवसर गंवाएगा और न ही इसमें किसी तरह के प्रयास की कमी की जाएगी। उन्होंने रेखांकित किया कि जो देश दशकों तक सबसे बड़ा रक्षा आयातक हुआ करता था, उसने अब दुनिया के 75 देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात करना प्रारम्भ कर दिया है।
पिछले 8-9 वर्षों में रक्षा क्षेत्र के परिवर्तन का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 2024-25 तक रक्षा निर्यात को 1.5 बिलियन से 5 बिलियन तक ले जाने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां से भारत सबसे बड़े रक्षा विनिर्माण देशों में शामिल होने के लिए तेजी से कदम उठाएगा और हमारे निजी क्षेत्र और निवेशक इसमें बड़ी भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र से रक्षा क्षेत्र में निवेश करने का आह्वान किया जो उनके लिए भारत ही नहीं, अपितु कई अन्य देशों में भी नए अवसरों का सृजन करेगा।
मोदी ने अमृत काल में भारत की तुलना एक लड़ाकू जेट पायलट से करते हुए कहा कि आज का भारत तेज सोचता है, दूर तक सोचता है और शीघ्रता से निर्णय लेता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो डरता नहीं है बल्कि नई ऊंचाइयों पर जाने के लिए उत्साहित है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है, चाहे वह कितनी भी ऊंची उड़ान भर ले, चाहे उसकी गति कितनी भी हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एयरो इंडिया की गगनभेदी गर्जना भारत के सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संदेश को प्रतिध्वनित करती है। उन्होंने उल्लेख किया कि पूरी दुनिया भारत में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के लिए किए गए सुधारों पर ध्यान दे रही है और एक ऐसा वातावरण बनाने के लिए उठाए गए विभिन्न पहलों को कार्यान्वित किया गया है जो वैश्विक निवेश के साथ-साथ भारतीय नवाचार का समर्थन करती हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा और अन्य क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में किए गए सुधारों और उद्योगों को लाइसेंस जारी करने की प्रक्रियाओं के सरलीकरण के साथ-साथ उनकी वैधता को भी बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में विनिर्माण इकाइयों के लिए कर लाभ बढ़ाए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां मांग है, विशेषज्ञता के साथ-साथ अनुभव भी है, वहां उद्योग का विकास स्वाभाविक है। उन्होंने उपस्थित लोगों को आश्वासन दिया कि इस क्षेत्र को मजबूत करने के प्रयास और भी मजबूत तरीके से आगे बढ़ते रहेंगे।
अपने संबोधन में, रक्षा मंत्री ने दुनिया के राजनीतिक और आर्थिक मानचित्र पर भारत का मार्गदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की और देश के औद्योगिक और आर्थिक विकास के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने एयरो इंडिया को उसी संकल्प की अभिव्यक्ति बताया।
राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत अपने व्यापार अनुकूल वातावरण और लागत-प्रतिस्पर्धात्मकता के कारण एक आशाजनक विनिर्माण गंतव्य बन गया है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प के कारण भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह अगले 4-5 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। इस साल भारत की जी-20 अध्यक्षता भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के बढ़ते कद का प्रतिबिंब है।
रक्षा मंत्री ने भारतीय रक्षा क्षेत्र की विकास गाथा पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पिछले कुछ वर्षों में एक लंबा सफर तय कर चुका है और पूरे उत्साह और समर्पण के साथ राष्ट्र को सशक्त बनाने के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने एयरो इंडिया को उन स्तंभों में से एक बताया, जिसने रक्षा क्षेत्र को मजबूत किया है और इसे एक नई पहचान दी है।
राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया के इस 14वें संस्करण में भाग लेने वाले कई देशों के रक्षा मंत्रियों, सेवा प्रमुखों, सीईओ, अधिकारियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान भारत और विदेश के 800 से अधिक प्रदर्शक अपने उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने भारी भागीदारी को भारत की उभरती व्यावसायिक क्षमता में घरेलू और वैश्विक व्यापार समुदाय के एक नए विश्वास का प्रमाण बताया। उन्होंने प्रतिभागियों से रक्षा विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा का हिस्सा बनने का आह्वान किया।
रक्षा मंत्री ने इतने बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई की भी सराहना की। उन्होंने कर्नाटक को औद्योगीकरण में अग्रणी और भारत के आर्थिक विकास में योगदान देने वाले सबसे प्रमुख राज्यों में से एक बताया।
इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट भी उपस्थित थे।
आयोजन के बारे में : इस पांच दिवसीय कार्यक्रम का समापन 17 फरवरी को होगा। 13 फरवरी से 15 फरवरी व्यावसायिक दिवस होंगे, जबकि 16 और 17 फरवरी को सार्वजनिक दिवस के रूप में निर्धारित किया गया है ताकि आमजन इस शो को देख सकें। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन; एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोलमेज सम्मेलन; मंथन स्टार्ट-अप कार्यक्रम; बंधन समारोह; हैरतअंगेज एयर शो; एक बड़ी प्रदर्शनी; भारतीय मंडप और एयरोस्पेस कंपनियों का व्यापार मेला शामिल है ।
वायु सेना स्टेशन, येलहंका में लगभग 35,000 वर्गमीटर के कुल क्षेत्रफल में आयोजित, यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है, जिसमें 98 देशों के भाग लेने की संभावना है। इस कार्यक्रम में 32 देशों के रक्षा मंत्रियों, 29 देशों के वायु सेना प्रमुखों और वैश्विक एवं भारतीय ओईएम के 73 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के भाग लेने की उम्मीद है। एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित 809 रक्षा कंपनियां विशिष्ट प्रौद्योगिकियों में प्रगति और एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में वृद्धि का प्रदर्शन करेंगी।
प्रमुख प्रदर्शक और उपकरण : प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, एसएएबी, सफरान, रोल्स रॉयस, लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल हैं। इस कार्यक्रम में लगभग पांच लाख दर्शकों के उपस्थित रहने की उम्मीद है और लाखों दर्शक टेलीविजन और इंटरनेट के माध्यम से जुड़ेंगे।
एयरो इंडिया 2023 डिजाइन नेतृत्व, यूएवी क्षेत्र में विकास, रक्षा अंतरिक्ष और भविष्य की प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए)-तेजस, एचटीटी-40, डोर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच), लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) जैसे स्वदेशी हवाई प्लेटफार्मों के निर्यात को बढ़ावा देना है। यह घरेलू एमएसएमई और स्टार्ट-अप को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकृत करेगा और सह-विकास और सह-उत्पादन के लिए साझेदारी सहित विदेशी निवेश आकर्षित करेगा।
रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन : रक्षा मंत्री 14 फरवरी को रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। बैठक में मित्र देशों के रक्षा मंत्री भाग लेंगे, जिसका आयोजन ‘रक्षा में संवर्धित जुड़ाव (स्पीड) के माध्यम से साझा समृद्धि’ विषय पर किया गया है। कॉन्क्लेव क्षमता निर्माण (निवेश, अनुसंधान एवं विकास, संयुक्त उद्यम, सह-विकास, सह-उत्पादन और रक्षा उपकरणों के प्रावधान के माध्यम से), प्रशिक्षण, अंतरिक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और समुद्री सुरक्षा को एक साथ विकसित करने के लिए गहन सहयोग से संबंधित पहलुओं को संबोधित करेगा। कॉन्क्लेव रक्षा मंत्रियों के लिए ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन को आगे बढ़ाने के लिए एक दूसरे के साथ जुड़ने का एक अवसर है।
द्विपक्षीय बैठकें : एयरो इंडिया 2023 के अवसर पर, रक्षा मंत्री, रक्षा राज्य मंत्री, रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख और रक्षा सचिव के स्तर पर कई द्विपक्षीय बैठकें आयोजित की जाएंगी। साझेदारी को अगले स्तर तक ले जाने के लिए नए विकल्प तलाश करके मित्र देशों के साथ रक्षा और एयरोस्पेस संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सीईओ गोलमेज : रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में ‘सीईओ गोलमेज’ 13 फरवरी को ‘स्काई इज नॉट द लिमिट: अपॉरच्युनिटीज बियॉन्ड बाउंड्री‘ थीम पर आयोजित होगा। आशा है कि यह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए उद्योग भागीदारों और सरकार के बीच अधिक मजबूत वार्तालाप की आधारशिला रखी जाएगी। इससे भारत में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में और वृद्धि होने और भारत में विनिर्माण के लिए मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को एक अनुकूल मंच प्रदान करने की उम्मीद है।
गोलमेज सम्मेलन में बोइंग, लॉकहीड, इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज, जनरल एटॉमिक्स, लीभेर ग्रुप, रेथियॉन टेक्नोलॉजीज, सफरान, जनरल अथॉरिटी ऑफ मिलिट्री इंडस्ट्रीज (जीएएमआई) आदि जैसे वैश्विक निवेशकों सहित 26 देशों के अधिकारियों, प्रतिनिधियों और वैश्विक सीईओ की भागीदारी देखने को मिलेगी। एचएएल, बीईएल, बीडीएल, बीईएमएल लिमिटेड और मिश्रा धातु निगम लिमिटेड जैसे घरेलू पीएसयू भी भाग लेंगे। भारत की प्रमुख निजी रक्षा और एयरोस्पेस निर्माण कंपनियां जैसे कि लार्सन एंड टर्बो, भारत फोर्ज, डॉयनामेटिक टेक्नोलॉजिज, ब्रह्मोस एयरोस्पेस के भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने की संभावना है।
बंधन समारोह : समझौता ज्ञापनों (एमओयू)/समझौतों, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण, उत्पाद लॉन्च और अन्य प्रमुख घोषणाओं पर हस्ताक्षर बनने के साक्षी बंधन समारोह का आयोजन 15 फरवरी को किया जाएगा। रक्षा मंत्री इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। विभिन्न भारतीय/विदेशी रक्षा कंपनियों और संगठनों के बीच साझेदारी के लिए 75,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ दो सौ इक्यावन (251) समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।
मंथन : 15 फरवरी को आयोजित होने वाला वार्षिक रक्षा नवाचार कार्यक्रम-मंथन में प्रमुख प्रौद्योगिकी शोकेस कार्यक्रम शामिल होगा। इनोवेशंस फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) द्वारा आयोजित किया जा रहा मंथन प्लेटफॉर्म प्रमुख इनोवेटर्स, स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई, इन्क्यूबेटर्स, शिक्षाविदों और रक्षा और एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र के निवेशकों को एक मंच पर लाएगा। रक्षा मंत्री इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
मंथन में साइबर सुरक्षा पर चुनौतियों का शुभारंभ, आइडैक्स निवेशक केन्द्र की स्थापना, निवेशकों के साथ समझौता ज्ञापन और रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास सहित कई पहल होंगी।
भारत मंडप : ‘फिक्स्ड विंग प्लेटफॉर्म’ थीम पर आधारित ‘इंडिया पवेलियन’ भविष्य की संभावनाओं सहित इस क्षेत्र में भारत के विकास को प्रदर्शित करेगा। इस पवेलियन में 227 उत्पादों को प्रदर्शित करने वाली कुल 115 कंपनियां होंगी। यह आगे फिक्स्ड विंग प्लेटफॉर्म के लिए एक इकोसिस्टम विकसित करने में भारत के विकास को प्रदर्शित करेगा जिसमें निजी भागीदारों द्वारा निर्मित एलसीए-तेजस विमान के विभिन्न संरचनात्मक मॉड्यूल, सिमुलेटर, सिस्टम (एलआरयू) आदि का प्रदर्शन शामिल है। रक्षा क्षेत्र, नई प्रौद्योगिकियों और एक यूएवी खंड के लिए भी एक खंड होगा जो प्रत्येक क्षेत्र में भारत के विकास के बारे में जानकारी दी जाएगी।
पूर्ण परिचालन क्षमता (एफओसी) विन्यास में एक पूर्ण पैमाने का एलसीए-तेजस विमान भारत मंडप के केंद्र चरण में होगा। एलसीए तेजस एक सिंगल इंजन, हल्का वजन, अत्यधिक तीव्र, बहु-भूमिका वाला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है। इसमें संबद्ध उन्नत उड़ान नियंत्रण प्रणालियों के साथ क्वाड्रुप्लेक्स डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) है। डेल्टा विंग वाले विमान को ‘वायु का मुकाबला’ और ‘आक्रामक हवाई समर्थन’ के लिए ‘टोही’ और ‘एंटी-शिप’ के रूप में इसकी माध्यमिक भूमिकाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। एयरफ्रेम में उन्नत कंपोजिट का व्यापक उपयोग वजन अनुपात, लंबी दूरी तय करने और रडार सिग्नेचर को कम करने की उच्च क्षमता प्रदान करता है।
कर्नाटक मंडप : एयरो इंडिया 2023 में एक अलग कर्नाटक मंडप होगा जो प्रतिभागियों को राज्य में उपलब्ध अवसरों को प्रदर्शित करेगा।
सेमिनार : पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कई सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। विषयों में ‘भारतीय रक्षा उद्योग के लिए पूर्व सैनिकों की क्षमता का दोहन’; भारत की रक्षा अंतरिक्ष पहल: भारतीय निजी अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने के अवसर; एयरो इंजन सहित फ्यूचरिस्टिक एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों का स्वदेशी विकास; डेस्टिनेशन कर्नाटक: यूएस-इंडिया डिफेंस को-ऑपरेशन इनोवेशन एंड मेक इन इंडिया; समुद्री निगरानी उपकरण और संपत्ति में उन्नति; एमआरओ और अप्रचलन शमन में जीविका और एयरो आर्मामेंट सस्टेनेंस में रक्षा ग्रेड ड्रोन और आत्मनिर्भरता में उत्कृष्टता प्राप्त करना शामिल है।