नई दिल्ली : नागरिक विमानन मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान ड्रोन और ड्रोन घटकों के लिए पीएलआई योजना के तहत लाभार्थियों को 30 करोड़ रुपये की राशि (लगभग) का वितरण किया है। सरकार ने 30 सितंबर 2021 को स्वदेशी ड्रोन उद्योग को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए ड्रोन और ड्रोन घटकों के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को अधिसूचित किया था। शिक्षा जगत और उद्योग जगत के विशेषज्ञों द्वारा इस कदम का व्यापक रूप से स्वागत किया गया। इस योजना में उद्योग जगत की सहायता के लिए कई विशेषताएं उपलब्ध हैं जैसे:
तीन वित्तीय वर्षों के दौरान कुल 120 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है यह राशि वित्त वर्ष 2020-21 में सभी घरेलू ड्रोन निर्माताओं के संयुक्त कारोबार की लगभग दोगुनी है।
इस योजना के लिए, उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना दर मूल्यवर्धन का 20 प्रतिशत है, जो उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजनाओं में सबसे अधिक है। इस योजना के अंतर्गत मूल्यवर्धन की गणना ड्रोन और ड्रोन घटकों (कुल वस्तु और सेवाकर) से ड्रोन और ड्रोन घटकों की खरीद लागत (कुल वस्तु और सेवाकर) से वार्षिक बिक्री राजस्व के रूप में की जाती है।
उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन दर को सभी तीन वर्षों के लिए 20 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है, जो देश में ड्रोन उद्योग के लिए एक असाधारण व्यवहार है। ड्रोन और ड्रोन घटकों के लिए न्यूनतम मूल्य वर्धन मानदंड 50 प्रतिशत की जगह 40 प्रतिशत कुल बिक्री पर रहा है जो उद्योग जगत के लिए एक और असाधारण व्यवहार है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और स्टार्टअप के लिए पात्रता मानदंड बहुत कम स्तर पर हैं। योजना के दायरे में ड्रोन से संबंधित सॉफ्टवेयर के प्रवर्त्तक भी शामिल हैं। विनिर्माता के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन कुल वार्षिक परिव्यय के 25 प्रतिशत पर सीमित है। इससे लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि करने में सहायता मिलेगी।
यदि कोई विनिर्माता किसी विशेष वित्तीय वर्ष के लिए पात्र मूल्यवर्धन की सीमा को पूरा करने में विफल रहता है, तो उसे बाद के वर्ष में खोए हुए प्रोत्साहन का दावा करने की अनुमति दी जाएगी, अगर वह बाद के वर्ष में इस कमी को पूरा करती है। उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना के 23 लाभार्थियों की नई सूची 6 जुलाई 2022 को जारी की गई थी। लाभार्थियों में 12 ड्रोन निर्माता और 11 ड्रोन घटक निर्माता शामिल हैं।