नई दिल्ली : भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) ने लगातार दूसरे वित्तीय वर्ष में लौह अयस्क का उत्पादन 41 मिलियन टन को पार कर लिया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के मार्च महीने में 14.29 मिलियन टन लौह अयस्क और चौथी तिमाही में 5.6 मिलियन टन लौह अयस्क का उत्पादन करते हुए, इस सरकारी खनन उद्यम ने कंपनी के इतिहास में चौथी तिमाही और मार्च महीने में अब तक का सबसे अच्छा उत्पादन दर्ज किया है।
अपनी स्थापना के बाद से बैलाडीला क्षेत्र में 622 सेंटीमीटर की सबसे अधिक वर्षा के बावजूद एनएमडीसी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 41.22 मिलियन टन का उत्पादन किया और 38.25 मिलियन टन लौह अयस्क की बिक्री की। इस वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में, कंपनी ने 14.29 मिलियन टन उत्पादन दर्ज किया जो कि इस उद्यम की स्थापना के बाद से किसी भी तिमाही के लिए सबसे अधिक है।
एनएमडीसी ने वर्षा ऋतु (मॉनसून ऑफसेट) के बावजूद कोहरे वाले मौसम में धुंध कम करने के लिए दृश्यता वर्धक प्रौद्योगिकी (विजन एन्हांसमेंट टेक्नीक), जाम से बचने के लिए विशेष माइन लाइनर्स और अयस्कों में नमी की मात्रा को कम करने के लिए पानी को अवशोषित करने वाले बहुलकों (पॉलिमर्स) का उपयोग करके उत्पादन में नया कीर्तिमान स्थापित किया। अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए, इस प्रमुख खनन उद्यम ने वित्त वर्ष 2022-23 में अपनी निकासी क्षमता में भी वृद्धि की है।
इस शानदार प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए, मुख्य महाप्रबंधक, अतिरिक्त प्रभार श्री अमिताभ मुखर्जी ने कहा कि “अत्याधिक मूसलाधार बारिश के बावजूद 41 मिलियन टन लौह अयस्क उत्पादन को पार करना राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) की क्षमता, लचीलेपन और खनिज सुरक्षा सुनिश्चित करने की अडिग प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में अब तक के सर्वश्रेष्ठ उत्पादन से उत्साहित एनएमडीसी अब सही गति के साथ वित्त वर्ष 2023-24 में प्रवेश कर रहा है।