वित्त वर्ष 23 में 1 करोड़ से ज्यादा लोग बने EPFO के सदस्य, युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा

नई दिल्ली  :  ईपीएफओ का अनंतिम पेरोल डेटा यह रेखांकित करता है कि ईपीएफओ ने मार्च 2023 के दौरान कुल 13.40 लाख सदस्य जोड़े हैं। ईपीएफओ द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22, जिसमें ईपीएफओ ने लगभग कुल 1.22 करोड़ सदस्य जोड़े थे, की तुलना में 13.22 प्रतिशत वृद्धि के साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान लगभग कुल 1.39 करोड़ सदस्य जोड़े गए हैं।

महीने के दौरान जोड़े गए 13.40 लाख सदस्यों में से लगभग 7.58 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं। नए शामिल हुए सदस्यों में, उच्चतम नामांकन 18-21 वर्ष के आयु वर्ग में 2.35 लाख सदस्यों के साथ दर्ज किया गया है, इसके बाद 22-25 वर्ष के आयु-समूह में 1.94 लाख सदस्य हैं। महीने के दौरान जोड़े गए कुल नए सदस्यों में 18-25 वर्ष के आयु वर्ग के सदस्यों की संख्या 56.60 प्रतिशत है। पेरोल डेटा की यह आयु-वार तुलना से संकेत मिलता है कि देश के संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश सदस्य पहली बार रोजगार के इच्छुक रहे हैं।

आंकड़ों से यह भी रेखांकित होता है कि लगभग 10.09 लाख सदस्य ईपीएफओ सदस्यता से फिर से जुड़ गए हैं। इन सदस्यों ने अपने रोजगारों को बदल दिया और ईपीएफओ के तहत कवर किए गए प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपनी संचय राशि को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, जिससे उनकी सामाजिक संरक्षण सुरक्षा का विस्तार हुआ।

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पेरोल डेटा के जेंडर-वार विश्लेषण से पता चलता है कि मार्च, 2023 में कुल महिला सदस्यों का नामांकन 2.57 लाख रहा है, जो महीने के दौरान कुल सदस्य वृद्धि का लगभग 19.21 प्रतिशत है। इनमें से 1.91 लाख महिला सदस्यों की नई नियुक्तियां हैं। यह सभी नयी नियुक्तियों का लगभग 25.16 प्रतिशत योग है।

राज्य-वार पेरोल के आंकड़े रेखांकित करते हैं कि कुल सदस्य योग में माह-दर-माह बढ़ता रूझान हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, मिजोरम आदि राज्यों में परिलक्षित होता है। कुल सदस्य योग के मामले में 5 शीर्ष राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात हैं। ये राज्य एक साथ मिलकर महीने के दौरान कुल सदस्य योग का 58.68 प्रतिशत हैं। महीने के दौरान सभी राज्यों में, महाराष्ट्र 20.63 प्रतिशत कुल सदस्यों के योग के साथ सबसे आगे है, जिसके बाद 10.83 प्रतिशत के साथ तमिलनाडु का स्थान है।

उद्योग-वार पेरोल डेटा का वर्गीकरण इंगित करता है कि महीने के दौरान ‘विशेषज्ञ सेवाओं’ (श्रमबल आपूर्तिकर्ताओं, सामान्य ठेकेदारों, सुरक्षा सेवाओं, विविध कार्यकलापों आदि से निर्मित) में कुल सदस्यों का योग 43.72 प्रतिशत है। पिछले महीने के साथ उद्योग-वार आंकड़ों की तुलना करने पर, ‘विशेषज्ञ सेवाएं’, ‘होटल’, ‘चिकित्सक’, ‘राष्ट्रीयकृत बैंकों के अलावा अन्य बैंक’ आदि जैसे उद्योगों में उच्च नामांकन देखा गया है।

पेरोल डेटा अनंतिम है क्योंकि डेटा सृजन एक सतत अभ्यास है, जबकि कर्मचारी रिकॉर्ड को अपडेट करना एक निरंतर प्रक्रिया है। इसलिए हर महीने पिछले डेटा का अद्यतन किया जाता है। अप्रैल-2018 के महीने से, ईपीएफओ सितंबर, 2017 के बाद की अवधि को कवर करते हुए पेरोल डेटा जारी कर रहा है। मासिक पेरोल डेटा में, आधार सत्यापित यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के माध्यम से पहली बार ईपीएफओ में शामिल होने वाले सदस्यों, ईपीएफओ के कवरेज से बाहर निकलने वाले वर्तमान सदस्यों और सदस्यों के रूप में फिर से शामिल होने वाले सदस्यों की गणना को कुल मासिक पेरोल गणना के लिए सम्मिलित किया जाता है।

ईपीएफओ देश का प्रमुख संगठन है जो ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के क़ानून के तहत संगठित/अर्ध-संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए उत्तरदायी है।

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