चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की ख़तरनाक गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी के साथ सांठगांठ सम्बन्धी सनसनीखेज़ खुलासा करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि भाजपा नेता ने अंसारी के पुत्रों को रूपनगर में वक्फ़ बोर्ड की महँगी ज़मीन अलाट की थी।
यहाँ पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कैप्टन चाहे बार-बार अंसारी को न जानता होने के दावे कर रहे हैं परन्तु यह कितनी हैरानीजनक बात है कि कैप्टन सरकार ने इस गैंगस्टर की न सिर्फ़ जेल में ठहर को आरामदायक बनाया, बल्कि उसे रूपनगर में महँगी ज़मीन भी दी। उन्होंने कैप्टन को चुनौती दी कि वह यह बताएं कि उनकी सांझेदारी के बिना रूपनगर में वक्फ़ बोर्ड की महँगी ज़मीन अंसारी के पुत्रों अब्बास और उमर अंसारी को कैसे मिल गई। भगवंत मान ने कहा कि अगर कैप्टन चाहते हैं तो वह कैप्टन की अंसारी के साथ संबंधों पर आने वाले दिनों में और सबूत भी दे देंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर निशाना साधते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि ख़तरनाक गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी के मुद्दे के बारे अनभिज्ञता का ढकोसला करने से पहले भाजपा नेता को अपने पुत्र रणइन्दर सिंह से ज़रूर पूछना चाहिए। उन्होंने कहा कि रणइन्दर कई बार अंसारी को मिला था परन्तु कितनी हैरानी की बात है कि लोगों को गुमराह करने के लिए कैप्टन इस मुद्दे पर झूठ बोल रहे हैं।
भगवंत मान ने कहा कि अंसारी को जेल में वी. वी. आई. पी. सहूलतें देने के लिए उत्तर प्रदेश से पंजाब लाया गया था। उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस गैंगस्टर की हिरासत लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पहुँच की तो पंजाब सरकार ने उसे बचाने के लिए बहुत ज़्यादा फीस पर वकीलों की सेवाएं ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस 55 लाख रुपए की रिकवरी यकीनी तौर पर कैप्टन और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा से की जायेगी। कैप्टन के दावे कि वह 9.5 साल राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं, पर टिप्पणी करते हुये भगवंत मान ने उनको याद करवाया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान जितना सफ़र किया, उतना तो उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में ही कर लिया। उन्होंने कहा कि कैप्टन और वह एक साथ लोग सभा के मैंबर रहे थे और यह रिकार्ड है कि इस दौरान कैप्टन की हाज़िरी सिर्फ़ छह प्रतिशत थी, जो कि भारत भर में से सबसे कम है, जबकि इस के मुकाबले मेरी हाज़िरी 90 प्रतिशत रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैप्टन अय्याशी राजा है, जो लोगों की तरफ से दी ज़िम्मेदारी की परवाह न करते हुये हमेशा लोगों से दूर रहा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन विधायक और संसद मैंबर और यहाँ तक कि मुख्यमंत्री के तौर पर अपने फ़र्ज़ निभाने में नाकाम रहा। भगवंत मान ने कहा कि जब कैप्टन संसद मैंबर बना तो वह संसद में नहीं गया और जब मुख्यमंत्री बना तो सचिवालय में नहीं गया, जिससे पता चलता है कि वह कितना असमर्थ और लोगों की पहुँच से दूर है।