“आयुष आपके द्वार” योजना एक अगस्त से पूरे प्रदेश में : ग्रामीण क्षेत्रों के प्रमुख स्थानों पर उपलब्ध रहेगी आयुष उपचार सुविधा

भोपाल  : प्रदेश भर में एक अगस्त से “आयुष आपके द्वार” योजना प्रारंभ हो जायेगी। आयुष विभाग की इस योजना में प्रदेश के प्रमुख क्षेत्रों में आयुष उपचार की सुविधा नागरिकों को सुलभ तरीके से उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग ने यह योजना वर्षाकाल में दुर्गम क्षेत्रों में भी आयुष की पहुँच सुनिश्चित करने के लिये शुरू की है। योजना 30 सितम्बर 2023 तक निरंतर जारी रहेगी। योजना के संबंध में आयुष संचालनालय ने प्रधानाचार्य आयुष महाविद्यालय, संभागीय आयुष अधिकारी और जिला आयुष अधिकारी को दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

वर्षाजनित रोग के उपचार की सुविधा : बरसात के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रभावित होती हैं। इस स्थिति को देखते हुए जन-सामान्य को वर्षाजनित रोग के उपचार के लिये हाट-बाजार में आयुष औषधियों का नि:शुल्क वितरण किया जायेगा। साथ ही जन-सामान्य को इस मौसम में होने वाली बीमारी से बचाव की जानकारी दी जायेगी और साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जायेगा।

ऐसे जन-जागरण के कार्यक्रम हाट-बाजार के अलावा पंचायत, स्थानीय विद्यालय एवं महाविद्यालय परिसर में किये जायेंगे। इस कार्य के लिये आयुष विभाग की समस्त संस्थाओं, आयुष महाविद्यालय, संबद्ध चिकित्सालय, आयुष विंग, आयुष औषधालय, आयुष ग्राम और आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में पदस्थ अमले की मदद ली जा रही है। इस दौरान आयुष ग्राम में हेल्थ सर्वे फार्म में व्यक्ति की स्वास्थ्य रिपोर्ट दर्ज किये जाने और डाटा तैयार किये जाने के निर्देश भी आयुष अमले को दिये गये हैं।

आयुष विभाग के संस्थान : प्रदेश में 7 संभागीय आयुष कार्यालय, 51 जिला आयुष कार्यालय, 32 आयुष चिकित्सालय, 1773 शासकीय आयुष औषधालय, 36 आयुष विंग, 75 आयुष ग्राम और 562 आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर का अमला इस योजना को सफल बनाने का कार्य करेगा। आयुष आपके द्वार योजना में आयुष की 3 विधा, जिनमें आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी विधि से रोग प्रभावित व्यक्तियों का इलाज किया जाएगा।

जारी दिशा-निर्देश में वर्षा काल में होने वाली बीमारियों, उनके उपचार और उपलब्ध औषधियों के बारे में भी मैदानी अमले को जानकारी दी गई है। योजना के क्रियान्वयन के दौरान होने वाली कार्यवाही की रिपोर्ट नियमित रूप से संचालनालय को भेजा जाना भी सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है।

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