Datia News : दतिया। मोबाइल से सेल्फी लेने का शौक जान पर कब भारी पड़ जाएं कहा नहीं जा सकता। यह गलती हर बार युवाओं से लेकर बच्चे तक करते हैं। आजकल हर हाथ में मोबाइल होने से खुद की तस्वीर विभिन्न मौकों पर खींचने का शौक लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। यही गलती बिडनिया हादसे में जान गंवाने वाले मासूमों से भी हो गई। गणेश विसर्जन के दौरान मंगलवार को भी गांव के बच्चे मूर्ति लेकर सिद्ध बाबा मंदिर पर बने पोखर पर गए थे।
जहां मूर्ति विसर्जित करने के दौरान कुछ बच्चे मोबाइल से सेल्फी लेने लगे। इनमें से ही एक अचानक पोखर में जा गिरा। जिसे बचाने के लिए जब और बच्चों ने प्रयास किया तो एक के बाद एक सात बच्चे पोखर के गहरे पानी में डूब गए। जिनमें से चार की जान चली गई और तीन गंभीर हालत में बाहर निकाले गए।
गांव में शव निकले तो छलक पड़े आंसू : बुधवार को जब ग्राम बिडनियां में गांव के चार मासूमों के शव अंतिम संस्कार के लिए स्वजन लेकर निकले तो हर आंख नम हो गई। जिसने देखा वह शोक में डूब गया। यह गमगीन नजारा मंगलवार शाम गांव के सिद्धबाबा मंदिर के पास बने पोखरनुमा गड्ढे में चार बच्चों के डूब जाने से हुई दर्दनाक मौत के बाद गांव में देखने को मिला। जिस घर के बच्चों की जान गई वहां चीख पुकार मची हुई थी। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था। हादसे में मृत बच्चों का रात में ही जिला अस्पताल में पीएम कराया गया था।
टीआई गब्बरसिंह गुर्जर ने बताया कि बुधवार को सभी नाबालिग बच्चों का अंतिम संस्कार दफनाकर किया गया। इसके लिए गांव में मुक्तिधाम के पास खोदे गए गड्ढों में जब उन्हें दफनाया गया तो मौजूद लोगों के आंसू छलक पड़े। पुलिस की मौजूदगी में सभी मृत बच्चों को दफना दिया गया। इन बच्चों की उम्र 15 से 16 साल के बीच थी।
नौ साल में पहली बार बच्चे पहुंचे थे विसर्जन करने : घटना के बारे में सिद्ध बाबा मंदिर के पुजारी राधे ने बताया कि पिछले नौ साल से वहां बने पोखर में कभी कोई मूर्ति विसर्जन के लिए नहीं आया था। लेकिन घटना वाले दिन जब शाम को उन्होंने मूर्ति लेकर आए बच्चों को देखा तो वह भी चौंक गए।

उन्होंने बताया कि मूर्ति विसर्जन के दौरान बच्चे एक दूसरे की मोबाइल से सेल्फी लेने लगे। ऐसे में एक बच्चा पोखर में गिर गया, जिसे बचाने के लिए दूसरे बच्चों ने भी प्रयास किया और एक के बाद एक बच्चे पोखर में गिरते चले गए। जिन्हें बचाने के लिए मंदिर में मौजूद प्रेम कुशवाह ने पोखर में कूदकर उन्हें बाहर निकाला। लेकिन तब तक तीन लड़की और एक लड़के की जान जा चुकी थी। जबकि तीन की गंभीर हालत होने पर उन्हें तत्काल अस्पताल भेजा गया।
बता दें कि घर में रखी गणेश प्रतिमा के विसर्जन के लिए गांव से बच्चों की टोली गई थी। जिसमें शामिल अंश पाल पुत्र ब्रजमोहन, प्रतिज्ञा पाल पुत्री जाहर सिंह, कृष्णा पाल पुत्री रामहजूर पाल, आस्था पुत्री श्रीराम की जान चली गई। जबकि जिन बच्चों को डूबने से बचाया गया उनमें सपना पुत्री जाहर सिंह, ध्रुव और आशिक पाल में से ध्रुव और आशिक को रेफर कर दिया गया है।