Datia news : दतिया । रविवार को गोराघाट में निकली ऐतिहासिक कलश यात्रा में हजारों की संख्या महिलाओं ने भाग लिया। कलश यात्रा के दौरान गुलियापुरा तक हाइवे मार्ग महिलाओं से खचाखच भरा रहा। कलश यात्रा में गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा पूरे श्रद्धाभाव के साथ शामिल हुए। वह पवित्र भागवत ग्रंथ को शिरोधार्यकर कलश यात्रा में साथ चले। जिसे उन्होंने विधिवत ढंग से कथाव्यास को सौंपा।
दतिया के गोराघाट में श्रीमद भागवत कथा के उपलक्ष में रविवार को निकली भव्य कलश यात्रा में आसपास के करीब 80 गांवों की महिलाएं उत्साह के साथ शामिल हुई। कलश यात्रा गोराघाट से शुरू हुई जो कथास्थल गुलियापुरा पहुंची। इस दौरान कलश यात्रा मार्ग पर पुष्पवर्षा की गई। कलश यात्रा में भारी संख्या में शामिल महिलाओं के कारण हाइवे मार्ग भी घिर गया।
इस दौरान गोराघाट ओवर ब्रिज के पास गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने पहुंचकर कलश यात्रा का पुष्पबर्षा कर स्वागत किया। इस दौरान डा.मिश्रा ने वृंदानवन से आए कथाव्यास आचार्य बालमुकुंद महाराज का पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया। साथ ही भागवत ग्रंथ को शिरोधार्य कर कलश यात्रा में भी शामिल हुए। यात्रा में कथाव्यास बग्गी में सवार होकर निकले। कथा का आयोजन भी गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा के संरक्षण में किया जा रहा है।
देखने लायक था कलश यात्रा का नजारा : कथा के उपलक्ष में निकली कलश यात्रा का नजारा रविवार को देखने लायक था। जिसमें शामिल हजारों महिलाएं पीले परिधान में स्टील का कलश लेकर कतारबद्ध होकर जब निकली तो पूरा मार्ग खचाखच भर गया। गाेराघाट मार्ग सहित हाइवे तक सिर्फ कलश लिए महिलाएं ही नजर आ रही थी।
ग्रामीणों के मुताबिक इससे पहले कभी इतनी विशाल कलश यात्रा उन्होंने अपने क्षेत्र में नहीं देखी। कथा के प्रथम दिवस गुलियापुरा में आयोजन स्थल पर कलश यात्रा के पहुंचने पर आरती हुई। इसके बाद पहले दिन कथा व्यास ने भागवत महत्व के बारे में वर्णन श्रद्धालुओं को बताया। कथा के लिए बड़ा पंडाल लगाया गया है।
बसई पहुंचकर भागवत कथा में हुए शामिल : गृहमंत्री डा.मिश्रा रविवार को बसई भी पहुंचे। जहां चल रही श्रीमद्भागवत कथा में शामिल हुए। इस दौरान कथा आयोजन समिति संरक्षक डा.श्रीमन् नारायण मिश्रा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुकर्ण मिश्रा भी मौजूद रहे। गृहमंत्री ने कथा की आरती में भी भाग लिया। साथ ही कथा व्यास का शाल उढ़ाकर सम्मान किया। कथा के दौरान पंडित रमाकांत शास्त्री ने समुद्र मंथन, वामन अवतार, भक्त प्रहलाद, राजा दशरथ आदि की कथाओं का विस्तार से वर्णन सुनाया।