Datia news : दतिया। छात्राओं के साथ धोखाधड़ी कर संचालक कालेज छोड़कर भाग निकला था। साथ ही उसने कालेज में एडमीशन के नाम पर फीस की रकम भी हडप कर ली थी। भगोड़े धोखेबाज संचालक को न्यायालय ने चार वर्ष की सजा और एक लाख का जुर्माना किया है।
न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश दतिया उत्सव चतुर्वेदी ने आरोपित नौशेर बहादुर को कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के संबंध में दोषी पाते हुए उसे सजा सुनाई है। मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता मुकेश गुप्ता ने की।
प्रकरण के मुताबिक वर्ष 2009 में आरोपित नौशेर बहादुर ने आरके इनफोरमेशन टेक्नोलोजी कालेज के नाम से नर्सिंग कालेज रिछरा फाटक दतिया में सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल में कमरे लेकर खोला था। आरोपित ने उक्त कालेज का प्रचार प्रसार करने के लिए पर्चे छपवाए तथा प्रवेश लेने वाले छात्रों को मिथ्या जानकारी दी। जिसमें उक्त कालेज को बिरला स्ट्रीट मेडीकल कालेज रिसर्च ग्वालियर से एवं शासन से मान्यता प्राप्त होना बताया था।
छात्राओं की फीस भी कर ली थी हडप : कालेज के संचालक नौशेर बहादुर ने छात्र पूनम करण, संगीता यादव, शशिप्रभा यादव, सीमा अहिरवार, आशा अहिरवार, वंदना भदौरिया, हेमंत कुमारी, नीलम यादव, संगीता अहिरवार आदि से फीस के पैसे लेकर उन्हें प्रवेश देकर भरोसा दिलाया कि उसके कालेज को विधिवत मान्यता है।
आरोपित की बात पर उक्त छात्रों ने भरोसा करके प्रवेश ले लिया। कुछ दिनों बाद आरोपित कालेज बंद करके भाग गया। तब फरियादी अशोक यादव ने कोतवाली दतिया में कालेज संचालक आरके इनफोरमेशन टेक्नोलोजी के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

पुलिस द्वारा आरोपित को गिरफ्तार किया गया। इस संबंध में पीड़ित छात्राओं के कथन लिए गए साथ ही आरोपित द्वारा छात्रों से पैसे लेकर दी गई रसीदें भी जप्त की गई। पुलिस ने अनुसंधान में पाया कि आरोपित के पास उपरोक्त कालेज चलाने के लिए कोई मान्यता नहीं थी।
पुलिस ने अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। विचारण के दौरान न्यायालय द्वारा पीड़ित छात्राओं के कथन लिए गए तथा दस्तावेजों का परीक्षण कर अपर लोक अभियोजक मुकेश गुप्ता की दलीलों से सहमत होकर छात्रों के भविष्य के साथ धोखाधड़ी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के संबंध में आरोपित को चार वर्ष के कारावास सहित अलग-अलग धाराओं में एक लाख के जुर्माने से दंडित किया है।