इंदौर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हुकुमचंद मिल इंदौर के मजदूरों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने मजदूरों को मिलने वाली 464 करोड़ रूपए की बकाया राशि से संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर कर अपनी स्वीकृति प्रदान की। इससे 25 हजार श्रमिक परिवारों के सदस्यों को राहत मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि श्रमिकों का यह भुगतान 20 वर्षों से लंबित था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा स्थित समिति कक्ष में नगरीय विकास एवं आवास विकास विभाग की समीक्षा बैठक के बाद इस फाइल पर हस्ताक्षर किए।
शहरों की बेहतर प्लानिंग सुनिश्चित की जाएं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासकीय भवनों के निर्माण के लिए भी नगरीय निकायों से अनुमति प्राप्त की जाएं। नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड, पर्यटन सहित शासकीय भवन निर्माण में संलग्न सभी एजेंसियां बिल्डिंग परमिशन लें और निर्माण में बिल्डिंग लाइन, ओपन स्पेस, पार्किंग आदि का अनिवार्यत: ध्यान रखें।
टीडीआर व टीओडी के क्षेत्र में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएं ताकि रहवासियों को सुविधा प्राप्त हो और शहरों की बेहतर प्लानिंग भी सुनिश्चित की जा सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव नेअ कहा कि सड़क चौड़ीकरण से संबंधित प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बेहतर तरीके से की जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि स्थानीय निवासियों की समस्याएं न बढ़ें, उन्हें सुविधा प्राप्त हो साथ ही सड़क चौड़ीकरण में बिजली संबंधी कार्यों में लोगों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।
सुनिश्चित करें कि कान्ह नदी का पानी, शुद्धिकरण के बाद ही क्षिप्रा नदी में मिले : मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य शासन द्वारा मांस और मछली के खुले में बिकने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इनके विक्रेताओं को परेशानी न हो, इस उद्देश्य से नगरीय निकायों द्वारा मांस-मछली मार्केट के लिए आवश्यक रूप से भवन निर्मित किए जाएं। जब तक भवन निर्मित नहीं होते तब तक मांस, मछली विक्रय केलिए स्थल निर्धारित कर अस्थाई शेड की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाएं। नगरीय निकायों के साथ-साथ बड़ी ग्रामीण पंचायतों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएं।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इस संबंध में नगरीय विकास एवं आवास तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की संयुक्त बैठक लेकर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कान्ह नदी का पानी, शुद्धिकरण के बाद ही क्षिप्रा नदी में मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए आधुनिकतम तकनीक का उपयोग करते हुए आवश्यक प्लांट लगाया जाएं। इस संबंध में जल संसाधन तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग की संयुक्त बैठक तत्काल आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए।
नगरीय निकायों का वित्तीय प्रबंधन सशक्त किया जाए : वित्तीय अनियमितता पर सख्त कार्यवाही हो : मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नगरीय निकायों के वित्तीय प्रबंधन को सशक्त करने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जिस मद के लिए राशि केन्द्र या राज्य सरकार से प्राप्त हुई है, नगरीय निकाय उन राशियों का उपयोग उस मद के लिए ही करें। नगरीय निकायों व प्राधिकरणों में डिपॉजिट अथवा लोन लेकर किए जाने वाले कार्यों के संबंध में सख्त वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित किया जाएं। सजग और समयानुकूल ऑडिट व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि बेहतर वित्तीय प्रावधान और विकास कार्य हो सकें। वित्तीय अनियमितता पर सख्त कार्यवाही करें।
देश में म.प्र. प्रथम है नगरीय अधोसंरचना विकास की कई योजनाओं के क्रियान्वयन में : मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगरीयविकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव श्री नीरज मंडलोई ने जानकारी दी कि स्मार्ट सिटी मिशन 1.0, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा पीएम स्वनिधि योजना में मध्यप्रदेश देश में प्रथम रहा है। इसके साथ ही अमृत 1.0, स्वच्छ भारत मिशन 1.0 और डे-एनयूएलएम में प्रदेश, देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। प्रेजेंटेशन में शहरी अधोसंरचना विकास के लिये जारी पूंजीगत योजनाओं जैसे कायाकल्प, मास्टर प्लान सड़क, स्मार्ट सिटी, यूनिटी मॉल आदि कार्यों की प्रगति से अवगत कराया गया। इसके साथ ही मांस-मछली के अनियंत्रित विक्रय पर की गई कार्रवाई की जानकारी भी दी गई।
संकल्प पत्र-2023 के संकल्पों को समय-सीमा में पूर्ण करने के लिए बनाया गया है रोडमैप : बैठक में मध्यप्रदेश संकल्प पत्र-2023 में विभाग से संबंधित संकल्पों को समय-सीमा में पूर्ण करने के संबंध में विभाग के रोडमैप और कार्य योजना की जानकारी भी दी गई। इसके साथ ही विभाग की ऐसी योजनाएं जो आगामी तीन माह में लोकार्पण के लिए तैयार होंगी, उनकी जानकारी भी बैठक में दी गई। विभागीय समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अजीत केसरी सहित प्रमुख विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।