Datia News : दतिया । श्वान यानि कुत्ता हमेशा से वफादार जानवरों में गिना जाता है। इनकी इसी वफादारी के कारण ही उनके मालिक भी उन पर खूब प्यार लुटाते हैं। ऐसे कई वाक्ये हैं जब कुत्ते ने मालिक की रक्षा की। वहीं मालिक ने भी अपने कुत्ते की याद में मंदिर और चबूतरे तक बनवा दिए।
लेकिन इस बार कुछ अलग तरह का लगाव दतिया जिले के ग्राम दुरसड़ा में इस वफादार जीव के प्रति उसके मालिक ने दिखाते हुए पूरे गांव में ही श्वान भोज कर डाला।
इस दौरान गांव भर में जहां भी कुत्ते मिले उन्हें बकायदा पत्तल डालकर पूडी, खीर और बूंदी परोसी गई। गांव के करीब आधा सैकड़ा कुत्तों को यह शानदार दावत कराई गई। जिसे देखकर अन्य लोग भी इस जीव प्रेम से प्रभावित हुुए बिना नहीं रह सके।
आयोजक बोले वफादारी ने किया प्रभावित : नववर्ष पर गांव में कुत्तों को दावत देने वाले दुरसड़ा के सरपंच पंकज पांडेय ने बताया कि आठ साल पहले उन्होंने एक कुत्ता पाला था, जो आज भी उनके पास है। उससे लगाव इतना बढ़ा कि उसके साथ खेलने वाले कुत्तों को भी सुबह-शाम भोजन कराने लगे।
यह सिलसिला धीरे-धीरे गांव के अन्य लावारिस कुत्तों के लिए भी शुरू कर दिया। इस दावत के विषय में उन्होंने बताया कि दावत केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं अन्य जीवों के लिए भी हो सकती है।
बशर्ते दावत देने वाला व्यक्ति जीव प्रेमी होना चाहिए। केवल कुत्ते ही नहीं, पक्षियों से भी उन्हें लगाव है और उनके घर में जगह-जगह पक्षियों को आश्रय के लिए लकड़ी के घरोंदे बनवाकर लगवाए हैं।
गांव में घूमकर कराया भोजन : पंकज ने कुत्तों की दावत पर जानकारी देते हुए बताया कि नए साल पर इंसान तो कहीं न कहीं दावत कर लेते हैं। लेकिन मूक पशुओं की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता। लिहाजा पहली बार इनके लिए पृथक से खीर, पूड़ी तथा बूंदी बनवाई गई।
जिसके बाद सुबह 10 बजे से गांव भर में घूम-घूमकर कुत्तों को यह भोजन कराया गया। इसके पीछे कोई लोकप्रियता हासिल करने का उद्देश्य नहीं है। महज एक संदेश लोगों तक पहुंचाना था कि आसपास जो भी निराश्रित-असहाय जीव हैं, उन्हें भी उसी प्रकार से आपके प्रेम की आवश्यकता है जैसा आप अपने किसी निजी पालतू जीव को देते हैं।