पंडोखरधाम अग्निकांड में जलकर भस्म हुए सोने चांदी के जेबरात और 35 लाख की नगदी : महोत्सव के एक दिन पहले हुआ बड़ा हादसा

Datia news : दतिया । श्रीराम महायज्ञ के आयोजन से ठीक एक दिन पहले पंडोखर धाम में भीषण आग लग जाने से वहां बनाई जा रहे संत कुटीर और अन्य सामान जलकर राख हो गए। आग लगने के संबंध में पंडोखर धाम के महंत गुरुशरण महाराज का कहना है कि परिसर में दो अज्ञात लोगों को जलती हुई वस्तु फैंककर भागते हुए वहां मौजूद लोगों ने देखा था। इसे लेकर जांच कराई जाएगी।

वहीं इस भीषण अग्निकांड में धाम की करीब एक करोड़ की सम्पत्ति के नुकसान का अनुमान जताया गया है। जिसमें सोने चांदी के जेबरात सहित करीब 35 लाख की नगदी और अन्य सामान शामिल बताया जाता है। आग की लपटें इतनी तेज थी कि वह धाम के कार्यालय और महाराज के निवास तक पहुंच गई। कार्यालय भी आग की चपेट में आने से तमाम रिकार्ड और कीमती सामान आग के कारण नष्ट हुआ है।

पंडोखर धाम में मंगलवार 23 अप्रैल को श्रीराम महायज्ञ की तैयारियां चल रही थी। आग की लपटें और धुएं के गुबार काफी दूर तक नजर आ रहे थे। गुरुशरण महाराज का कहना था कि यहां राष्ट्रहित में होने जा रहे श्रीराम महायज्ञ के लिए हमने प्रशासन को पत्र लिखकर फायर ब्रिगेड की मांग की थी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। यदि वह यहां मौजूद रहती तो जितना बड़ा अग्निकांड यहां हुआ है, शायद वह समय रहते नियंत्रित हो जाता।

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ग्रामीणों और मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं के मुताबिक आग पर काबू पाने में काफी समय लग गया। आग बुझाने में जुटे लोगों का कहना था कि फायर बिग्रेड को मौके पर आने में काफी देर लगी। जिसके कारण धाम में महोत्सव की तैयारी को लेकर रखा सामान करीब 90 प्रतिशत जल चुका था।

एक करोड़ के जेबरात और नगदी जली : ट्रस्ट सचिव मुकेश गुप्ता ने बताया कि इस अग्निकांड से करीब एक करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। यहां लगी आग में ट्रस्ट का कार्यालय और उसमें रखे ट्रस्ट संबंधित 2006 से अभी तक का रिकार्ड, संतों के लिए बनी छह कुटीरें, सोफा, साढ़े चार लाख के स्मृति चिह्न, कूलर, एसी, वाटर कूलर, सोने-चांदी के आभूषण जिनमें छह से सात किलो चांदी तथा 50 ग्राम सोना, नगद 35 लाख रुपये, संतों को दी जाने वाली भेंटें, टेंट का सामान, राशन का सामान आदि जलकर नष्ट हो गए।

पंडोखर धाम ट्रस्ट के सचिव मुकेश गुप्ता ने बताया कि मंगलवार से आयोजित होने वाले इस वार्षिक आयोजन में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। कलश यात्रा का भी आयोजन मौसम के अनुरूप होगा।यज्ञशाला, दरबार हाल, मेला परिसर पूरी तरह सुरक्षित है।

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