युवक की हत्या कर जलाया शव : बकरी चराने वाले ने दी थी पुलिस को खबर, डीएनए परीक्षण से हुई मृतक की पहचान

Datia news : दतिया । पीतांबरा पीठ से पिता के साथ लौट रहे पुत्र का अपहरण कर उसकी हत्या करने के मामले में दोषियों को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उक्त आरोपितों ने युवक का अपहरण कर उसका शव भी जला दिया था। जिसकी पहचान मृतक के डीएनए परीक्षण के बाद हो सकी।

बता दें कि बलराम यादव के अपहरण और हत्या के मामले में 12 आरोपितों को दोषी पाते हुए न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले की पैरवी अरुण कुमार लिटोरिया ने की। प्रकरण के मुताबिक गत 29 अप्रैल 2016 को फरियादी राजाराम यादव बेटे बलराम के साथ पीतांबरा मंदिर से दर्शन कर अपने घर उनाव रोड लौट रहा था। रात करीब साढ़े नौ बजे बस स्टैंड के सामने काली रंग की सफारी गाड़ी आई।

उसमें से आरोपित बाबूजी यादव, अरविंद यादव, लवकुश यादव, रामकुमार यादव, शिवकुमार यादव, धीरज सिंह यादव तथा मानवेंद्र गुर्जर आदि बंदूक लाठी आदि हथियार लेकर निकले और बलराम को जबरन गाड़ी में पटककर ले गए। फरियादी की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया था।

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एक मई 2016 को पुलिस थाना सिरसौद जिला शिवपुरी निवासी विनोद परिहार ने बताया कि, वह झिरी बगौदा रोड के पास बकरी चरा रहा था। इस बीच बकरियां खेत की ओर चली गईं। बकरियों के पीछे गया तो खेत में एक व्यक्ति का शव जली हुई हालत में नजर आया। सूचना पर शव का पुलिस ने डीएनए परीक्षण करवाया। जिससे पता चला कि शव बलराम यादव का था।

इस मामले में आरोपित सुनील रजक निवासी दुरसड़ा, लवकुश यादव, मानवेंद्र गुर्जर, धीरेंद्र उर्फ पुल्ली यादव, अरविंद यादव, शिवकुमार उर्फ गोविंद सिंह यादव, रामकुमार यादव, मंगल उर्फ मंशाराम यादव, बाबूजी उर्फ बब्बू यादव, इंदर यादव निवासीगण महाराजपुरा, रवि शिवहरे इंदरगढ तथा सुरेंद्र यादव ग्राम हरदई थाना गोंदन पर हत्या, अपहरण सहित तमाम धाराओं में मामला दर्ज किया गया। विचारण के दौरान न्यायालय ने उक्त आरोपितों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

मासूम की हत्या करने वाले को आजीवन कारावास :  मासूम बच्चे की गला रेंतकर हत्या के मामले में बुधवार को न्यायालय ने आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर पांच हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। मीडिया सेल प्रभारी संचिता अवस्थी ने बताया कि फरियादी देवसिंह ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि बेटा रतनसिंह, नाती कृष्णकांत घर के सामने बैठे थे।

नाती शिवा उर्फ मुन्नु पास में ही झाडू लगा रहा था। शाम करीब छह बजे पड़ोस में रहने वाला बबलू पुत्र हरनारायण कुशवाह आया और शिवा को घसीटते हुए अपने घर के मेन गेट पर ले गया। जहां उसने शिवा का गला रेंतकर जान ले ली। स्वजन बचाने दौड़े तो वह मौके से भाग गया। यह घटना पुराने विवाद को लेकर हुई थी। इस मामले में दोषी को सजा सुनाई गई है।

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