Datia news : दतिया । भाभी ने अपनी ननद और बेटे की हत्या कर उनके शव नहर में फैंक दिए थे। इस सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर पुलिस भी कुछ दिन तक खोजबीन में जुटी रही। जिसके बाद आरोपित महिला को पकड़ा जा सका। इस काम में उसके साथ एक अन्य व्यक्ति भी सहयोगी था। जिसकी जानकारी पुलिस को महिला के फोन की काल डिटेल निकलवाने पर सामने आई।
इस मामले मां और उसके चार वर्षीय मासूम बेटे की षडयंत्रपूर्वक हत्या करने वाले आरोपितों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश दतिया के न्यायालय के द्वितीय अतिरिक्त न्यायाधीश मंजुषा तेकाम ने आरोपित महिला और पुरुष पर उक्त दंडादेश के साथ अर्थदंड भी लगाया है। मामले की पैरवी आरसी चतुर्वेदी, जिला अभियोजन अधिकारी एवं सुदीप शर्मा सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ने की।
पुलिस को गुमराह करने के लिए कराई झूठी रिपोर्ट : प्रकरण के बारे में सहायक मीडिया सेल प्रभारी केएन परिहार ने बताया कि इस प्रकरण को राज्य शासन के द्वारा गंभीर व सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिंहित किया गया था।
घटना तीन जनवरी 2019 की है। आरोपित महिला कुसुम दोहरे ने अपने भांजे शिवा दोहरे एवं उसकी मां रेखा दोहरे को किसी व्यक्ति द्वारा बहला फुसलाकर ले जाने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
जिस पर थाना उनाव में अपहरण का मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षीगण के कथनों के आधार पर एवं आरोपित कुसुम दोहरे के मोबाइल नंबर की सीडीआर एवं लोकेशन के आधार पर आरोपित कुसुम दोहरे का संबंध परशुराम कोरी निवासी खिरिया साहब के साथ होना पाया गया।
शवों के कराए गए डीएनए परीक्षण : विवेचना के दौरान पुलिस ने कुसुम दोहरे से पूछतांछ की। जिस पर उसने अपना अपराध कबूल करते हुए आरोपित परशुराम कोरी एवं एक अन्य आरोपित के साथ मिलकर षडयंत्रपर्वूक अपनी ननद रेखा दोहरे एवं भांजे शिवा दोहरे का गला घोंटकर मार देने एवं शव मकौनी नहर के पानी में फैंक देने की जानकारी दी।
प्रकरण की विवेचना के दौरान आरोपितों से प्राप्त जानकारी के आधार पर मृतक शिवा दोहरे एवं मृतिका रेखा दोहरे के शव को तलाश किया गया। मृतकों के डीएनए परीक्षण कराए गए।
प्रकरण की संपूर्ण विवेचना के आधार पर एवं साक्षियों के कथन, इलैक्ट्रोनिक साक्ष्य, वैज्ञानिक साक्ष्य एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपित कुसुम दोहरे एवं परशुराम कोरी द्वारा रेखा दोहरे एवं उसके पुत्र शिवा दोहरे की हत्या षडयंत्रपूर्वक करने एवं घटना के साक्ष्य मिटाने का अपराध प्रमाणित पाए जाने पर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।