रक्षा मंत्रालय : वायनाड में जिंदगी बचाने की जंग जारी, नेवी मुश्किल हालातों में भी ऐसे पहुंचा रही मदद

वायनाड : केरल के वायनाड में खराब मौसम और कठिन इलाके के बीच भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय नौसेना का बचाव और राहत अभियान जारी है। राहत प्रयासों को बढ़ाने और आपदा से प्रभावित स्थानीय समुदाय की मदद करने के लिए आईएनएस ज़मोरिन से अतिरिक्त कर्मियों, भंडार, संसाधनों और आवश्यक आपूर्ति मंगाया गया। 

फिलहाल, जारी बचाव कार्यों में 78 नौसेना कर्मी शामिल हैं। चूरलमाला और मुंडक्कई क्षेत्र के कई स्थानों पर नौ सेना कर्मियों की टीमों को तैनात किया गया है जो आपदा राहत बलों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य कर रहे हैं। आपदा से प्रभावित लोगों को जरूरी सामग्री और खाने-पीने की चीजों की निरंतर आपूर्ति बनाए रखने के लिए एक टीम को नदी के पास तैनात किया गया है, जबकि अन्य टीमों को जीवित बचे लोगों की तलाश, मलबा हटाने और शवों की बरामदगी के लिए तैनात किया गया है। घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए चूरलमाला में एक चिकित्सा चौकी स्थापित की गई है।

चूरलमाला और मुंडक्कई के बीच नदी पर दोनों इलाकों को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण बेली ब्रिज बनाने में भारतीय सेना के प्रयासों में तेजी लाने के लिए 03 अधिकारियों और 30 नाविकों की एक टीम जुटी है  01 अगस्त 24 को भूस्खलन से चूरलमाला और मुंडक्कई अलग हो गए थे। यह पुल दोनों इलाकों के बीच भारी मशीनरी और एम्बुलेंस की आवाजाही को सक्षम करता है।

Banner Ad

02 अगस्त 24 को, भारतीय नौसेना के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) आईएनएस गरुड़ ने कालीकट से जीवित बचे लोगों के लिए प्रभावित क्षेत्रों की हवाई निगरानी की और शवों का पता लगाया

इस हेलीकॉप्टर ने बचाव उपकरणों के साथ 12 राज्य पुलिस कर्मियों को आपदा क्षेत्र में पहुंचाया, जो सड़क मार्ग से काफी मुश्किल था। कम दृश्यता और चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में पहाड़ी इलाके में उड़ान भरी गई।

भारतीय नौसेना फंसे हुए लोगों को शीघ्र निकालने, बुनियादी सुविधाओं और चिकित्सा सहायता का प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter