Datia News : दतिया। जिला अस्पताल में घायल अवस्था में पहुंचे युवकों ने उनका उपचार कर रहे डाक्टर की ही पिटाई कर दी। इस दौरान उपचार करा रहे युवक ने गुस्सा दिखाते हुुए डाक्टर के गाल में एक के बाद एक चांटे जड़ दिए। इस दौरान उसके अन्य साथी जो हथियार लिए थे, उन्होंने भी उत्पात मचाना शुरू कर दिया।
मामला गरमाता देख डाक्टर ने सुरक्षा की दृष्टि से आखिर अस्पताल में महिलाओं के लिए लगाया गया पिंक अलार्म दबा दिया। जिसके बाद मौके पर अस्पताल स्टाफ दौड़कर पहुंचा और उन्हें देखकर उत्पाती युवक भाग खड़े हुए।
जिला अस्पताल में महिलाओं की सुरक्षा के लिए लगाए गए पिंक अलार्म ने शनिवार रात एक पुरुष चिकित्सक की जान बचा ली। जिला अस्पताल की तीन इमारतों में सात जगह पर पुलिस अलर्ट के लिए पिंक अलार्म की व्यवस्था हाल में ही कलेक्टर संदीप माकिन की पहल पर कराई गई थी। यह व्यवस्था सबसे पहले किसी मेल डाक्टर के काम आई है।
जानकारी के अनुसार शनिवार देर रात भांडेर रोड पर मोहना हनुमान मंदिर के पास तेज रफ्तार कार की किसी अज्ञात वाहन से भिडंत हो गई। इस हादसे में कार के सामने का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
गनीमत यह रही कि कार में सवार लोगों की जान बच गई। ऐसे में इन सभी घायलों को आसपास के लोगों ने एंबुलेंस की मदद से उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया।
रात्रि एक बजे करीब सर्जिकल आईसीयू में ड्यूटी निभा रहे डा.दुर्गा प्रसाद को ट्रामा सेंटर में पदस्थ आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी डा.कल्पित अग्रवाल द्वारा घायल मरीज को देखने के लिये ट्रामा सेंटर बुलाया गया। जब डा.दुर्गा प्रसाद जैसे ही घायल मरीज शिवम चौहान पुत्र अरविंद को देखकर प्राथमिक उपचार दे रहे थे, तभी शराब के नशे में धुत घायल शिवम चौहान ने उनके गाल में थप्पड़ जड़ दिए।
मरीज के साथी लाला गुर्जर, हिम्मत सिंह एवं जितेंद्र रावत आदि भी चिकित्सक के साथ गाली गलौज करने लगे। मरीज और उसके साथी लाला गुर्जर ने ड्यूटी पर कार्यरत् चिकित्सक के साथ धक्का मुक्की कर दी।
उक्त लोगों के साथ ही वहां 30-40 लोगों की भीड़ जमा हो गई। उनमें से कुछ के पास हथियार भी थे। किसी भी अप्रिय घटना होने का खतरा देखते हुए चिकित्सक ने ट्रामा सेंटर में लगा पिंक अलार्म का बटन दबा दिया गया।
बटन दबते ही सायरन की आवाज सुनकर अस्पताल स्टाफ ट्रामा सेंटर पहुंच गया। अस्पताल स्टाफ को देखकर घायल और उसके साथी वहां से भाग खड़े हुए।
अस्पताल प्रशासन ने घटना की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस बल भी वहां पहुंच गया। उक्त प्रकरण में चिकित्सा अधीक्षक डा.अर्जुन सिंह द्वारा चिकित्सकों के विरुद्व अपराध पर कोतवाली पहुंचकर आरोपितों के विरुद्व विभागीय एफआईआर दर्ज कराई गई।