शुभ दिवाली 2024 :  लक्ष्मी पूजन विधि, मुहूर्त, आरती, सामग्री सूची, कथा…सहित जानें सारी जानकारी

धर्म  :  दिवाली का पर्व पूरे भारत में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जो धन, समृद्धि और वैभव की देवी हैं। लोग अपने घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों में माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। दिवाली 2024 में माँ लक्ष्मी की पूजा का सही मुहूर्त जानना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि पूजा का अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।

2024 में दिवाली का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष दिवाली का त्योहार कहीं  31 अक्टूबर और 1 नवंबर 2024 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा। कार्तिक माह की अमावस्या तिथि इस दिन आती है, और इसी दिन माँ लक्ष्मी की पूजा, आरती और दीपदान का विधान होता है।

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माँ लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त :

लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: शाम 6:05 बजे से रात 8:00 बजे तक
प्रदोष काल: शाम 5:30 बजे से रात 8:10 बजे तक
वृषभ काल: शाम 6:05 बजे से रात 8:00 बजे तक

नोट : पूजा का सर्वोत्तम समय प्रदोष काल माना जाता है, जो सूर्यास्त के बाद प्रारंभ होता है। वृषभ काल भी माँ लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ होता है।

माँ लक्ष्मी की पूजा की तैयारी

पूजा स्थल की सजावट
पूजा स्थल को साफ-सुथरा कर लें और वहाँ पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। रंगोली से साज-सज्जा करें, दीये जलाएं और पूरे घर को रोशनी से सजाएँ ताकि माँ लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके।

सामग्री की व्यवस्था
माँ लक्ष्मी की पूजा में कुमकुम, अक्षत (चावल), फूल, अगरबत्ती, दीपक, मिठाई, फल, धूप और नारियल का उपयोग होता है। इसके अलावा, कमल का फूल और श्रीफल को विशेष महत्व दिया जाता है, इसलिए इन्हें पूजा में अवश्य शामिल करें।

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापना
माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें। भगवान गणेश की पूजा से हर कार्य शुभ होता है, इसलिए सबसे पहले उनकी आराधना करें। इसके बाद माँ लक्ष्मी की पूजा करें।

माँ लक्ष्मी की आरती

माँ लक्ष्मी की आरती से पूजा संपन्न होती है। यहाँ दिवाली की विशेष आरती दी गई है:

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता।
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भव निधि की त्राता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

आरती के बाद श्रद्धालु माँ लक्ष्मी के चरणों में अपनी समर्पण अर्पित करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

दिवाली पर कुछ विशेष उपाय

सात अनाज का दान: दिवाली की सुबह सात अनाजों का दान करें, जैसे गेहूँ, चना, ज्वार, बाजरा, मक्का, मूँग और चावल। इससे माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य में वृद्धि होती है।

मुख्य द्वार पर दीपक जलाएँ: दिवाली की रात मुख्य द्वार पर तेल का दीपक जलाएँ। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और लक्ष्मी का वास बना रहता है।

स्वस्तिक का चिह्न बनाएं: घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। यह शुभता और समृद्धि का प्रतीक होता है।

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