Datia News : दतिया। सिर कटा शव मिलने के बाद आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। जिसके बाद से ही यह शव पुलिस के लिए पहेली बना हुआ था। काफी खोजबीन के बाद भी शव का कटा हुआ सिर कई किलोमीटर क्षेत्र में भी पुलिस के हाथ नहीं लग सका था। लेकिन रविवार को घटना स्थल से मात्र कुछ मीटर की दूरी पर ही कटा हुआ सिर एक खेत में पड़ा मिल गया। जबकि इस स्थान पर भी पुलिस सर्चिंग कर चुकी थी।
पिछले तीन दिनों से दुरसड़ा पुलिस जिस सिर कटे शव का सिर तलाशने में जुटी थी, वह रविवार को घटनास्थल से महज नौ सौ मीटर की दूरी पर पुलिस को पड़ा मिल गया।
इमिलिया चक बहादुरपुर के बीच स्थित घटना स्थल चाचाजी का ढाबा से विपरीत दिशा में अशोक सिंह कमरिया निवासी ग्वालियर के खेत से रविवार दोपहर शव का कटा सिर बरामद किया गया।
इसके बाद सिर को दतिया जिला अस्पताल के पीएम हाउस ले जाया गया। जहां मृतक का शेष धड़ फ्रीजर में सुरक्षित रखा गया था। इसके बाद पुलिस ने पीएम करवाकर दतिया में ही शव को दफना दिया।
इधर मृतक का कटा हुआ सिर तो पुलिस को मिल गया, लेकिन मृतक कौन है, इस बारे में अब भी पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिल पाई। इस मामले में एसडीओपी भांडेर कर्णिक श्रीवास्तव ने बताया कि दतिया सहित आसपास के जिलों में भी इस अज्ञात शव के बारे में सूचना करवा दी गई थी।
जिसके बाद निवाड़ी से एक गुमशुदा की जानकारी सामने आई थी। लेकिन वह गुमशुदा यह व्यक्ति नहीं निकला। पुलिस टीम शिनाख्ती के प्रयास में जुटी हुई है। जिसके बाद ही पुलिस की जांच को दिशा मिल सकेगी। घटना के बाद से ग्रामीण भी दहशत में हैं।
बता दें कि भांडेर-दतिया रोड पर इमिलिया और चक बहादुरपुर के बीच शिवकुमार दांगी का चाचाजी के नाम से ढाबा बना हुआ। पिछले कुछ समय से यह ढाबा बंद चल रहा था।
पांच दिसंबर को इस ढाबे के तलघर में दुरसड़ा पुलिस को सिर कटा शव पड़े होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद पुलिस वहां घटनास्थल पर पहुंची और अज्ञात मृतक का धड़ बरामद कर लापता सिर की सर्चिंग शुरू कर दी थी।
जिस अशोक सिंह कमरिया के खेत से यह सिर दुरसड़ा पुलिस को सर्चिंग दौरान मिला, वे ग्वालियर निवास करते हैं। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार करीब 20-25 साल पहले यह खेत उन्होंने खरीदा था।
जिसे स्थानीय किसान जोत पर लिए हुए थे। एसडीओपी कर्णिक श्रीवास्तव के अनुसार सड़क और खेत के बीच में घनी झाड़ियां और पानी का भराव है। पूर्व में भी यहां सर्चिंग की जा चुकी थी।
लेकिन रविवार को इन झाड़ियों के पास खुले में यह सिर मिला, उससे प्रतीत होता है कि इस सिर को हमलवार द्वारा इन झाड़ियों के बीच फेंका गया था। जिसे कोई जानवर खींचकर बाहर खुले में ले आया होगा। सिर का चेहरा पूरी तरह क्षतविक्षत स्थिति था।