New Delhi News : नईदिल्ली । मोटापा युवाओं के लिए एक बड़ी समस्या और चुनौती बन गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है। इसलिए इन दिनों व्यायाम और खेल बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेलों में भी इसका जिक्र किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि हमें अपने खान-पान में तेल की खपत कम करनी होगी और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा। मोटापे के खिलाफ इस लड़ाई में लगातार साइकिल चलाना फायदेमंद है। फिट इंडिया के जरिए हम इस लड़ाई को जीत सकते हैं।
इसीको लेकर केंद्रीय खेल मंत्री डा.मनसुख मांडविया ने साइकिल सवारों के साथ खुद भी साइकिलिंग की। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में इस सप्ताह के फिट इंडिया संडे आन साइकिल कार्यक्रम में डाक्टरों और न्यूट्रिशनिस्ट के समूहों ने भाग लेकर इस संदेश को आगे बढ़ाया।
इस अवसर पर पेरिस पैराओलंपिक पदक विजेता रुबीना फ्रांसिस के साथ भारती कॉलेज, दिल्ली और सोनिया विहार वाटर स्पोर्ट्स क्लब के कई युवा भी मौजूद रहे। डा.मांडविया ने कहाकि मोटापा युवाओं के लिए एक बड़ी समस्या और चुनौती है।
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रुबीना फ्रांसिस, जिन्होंने पेरिस वर्ष 2024 में पी2 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 इवेंट में कांस्य पदक प्राप्त किया था, ने बताया कि कैसे फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल इवेंट मोटापे के खिलाफ यह एक बेहतरीन कदम है। इस तरह की पहल देश को अच्छे स्वास्थ्य की ओर ले जाती है और मोटापे के खिलाफ लड़ाई लड़ती है। सुबह-सुबह साइकिल चलाने या योग करने से न केवल जीवन में बहुत सारी सकारात्मकता आती है बल्कि मोटापा मुक्त भारत के मिशन में भी मदद मिलती है।
मधुमेह और मोटापा विशेषज्ञ डॉ. त्रिभुवन गुलाटी, जो राइडर्स के समूह का हिस्सा थे, ने मोटापे से होने वाले कई स्वास्थ्य जोखिमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि मोटापा अपने साथ 130 अलग-अलग बीमारियां लेकर आता है। जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस, किडनी रोग, लिवर रोग, फैटी लिवर, प्री-डायबिटीज, डायबिटीज, महिलाओं में पीसीओडी, पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन रोग इत्यादि।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2016 में मोटापे को एक बीमारी के रूप में बताया है। यह एक सौंदर्य या कॉस्मेटिक समस्या नहीं है। भारत ने वर्ष 2018 में मोटापे को एक बीमारी माना है जिसका इलाज किया जाना चाहिए। यह एक बड़ा स्वास्थ्य मुद्दा है।
साइकिलिंग से बढ़ता है मेटाबॉलिज्म : वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्य डा.पीयूष जैन ने बताया कि मोटापे से निपटने में साइकिल चलाना एक सकारात्मक कदम है। डा.जैन ने कहाकि आजकल मोबाइल फोन और आउटडोर गेम्स न होने की वजह से बच्चों में बहुत अधिक निष्क्रियता देखी गई है। साइकिलिंग अभियान के जरिए लोगों को इस बारे में जागरुक करना बहुत जरु़री है।
अभी भारत में 20 प्रतिशत लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और वर्ष 2030 तक यह संख्या 35 प्रतिशत हो जाएगी। हम स्वस्थ भोजन और व्यायाम से दूर होते जा रहे हैं। साइकिल चलाना या कोई और व्यायाम शुरू करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। ऊर्जा की खपत होती है और जिस क्षण से हम अपना वजन कम करना शुरू करते हैं, व्यक्ति अधिक प्रेरित भी होता है।
विशेषज्ञ बोले जवान दिखने के लिए चलाए साइकिल : एसएआई नेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स साइंस एंड रिसर्च (एनसीएसएसआर) के स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट भी राइडर्स के समूह का हिस्सा थे। एसएआई एनसीएसएसआर की स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट अंशु मलिक ने कहाकि जब हम नियमित रूप से साइकिल चलाते हैं, तो हमारी हृदय गति बढ़ जाती है।
ऐसा होने पर पूरे शरीर की टोनिंग होती है और समग्र बीएमआर भी बढ़ता है। जब बीएमआर बढ़ता है, तो वजन अपने आप सामान्य हो जाता है। इसलिए वजन प्रबंधन का भी ध्यान रखा जाता है। इसके अलावा एक न्यूट्रिशनिस्ट के तौर पर कह सकता हूं कि साइकिल चलाने से आप हमेशा जवान दिखेंगे।