Datia news : दतिया। दतिया के सोनागिर क्षेत्र में महाशिवरात्रि के दिन नीम के पेड़ से अचानक फूट पड़ी दूध की धार देखकर ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया। सभी लोग इसे दैवीय चमत्कार मानकर कौतूहल में डूबे नजर आए। इस बात की चर्चा जब आसपास के गांवों में पहुंची तो अगले दिन वहां से भी लोगों के पहुंचने का तांता लग गया। सभी पेड़ से निकल रहे दूध को अपने बर्तन और बोतल में जमा करने में जुट गए।
दरअसल ग्राम जखौरिया में गत बुधवार को उस समय ग्रामीण अचंभित हो गए जब वहां एक खेत में लगे नीम के पेड़ से अचानक दूध की धार फूट पड़ी। जिस दिन लोगों ने पेड़ से दूध की धार निकलते देखी उस रोज महाशिवरात्रि का भी पर्व था। इसके बाद तो ग्रामीणों में भक्तिभाव उमड़ पड़ा।


पेड़ से निकल रहे दूध को भरने के लिए लोगों ने जतन शुरु कर दिए। कुछ ने वहां छोटे बर्तन लगा दिए तो किसी ने बोतल टांग दी। ताकि उसमें वह दूध भर सकें। वहीं कुछ लोग पूजा की थाली लेकर पेड़ के पास आ गए। जहां इस घटना को दैवीय चमत्कार मानकर उन्होंने पेड़ पर धूपदीप लगाना शुरु कर दिए।
दतिया के सोनागिर पंचायत के ग्राम जखौरिया में यह प्राकृतिक घटना वहां के निवासी इंद्रपाल यादव के खेत में लगे एक नीम के दिखी। पेड़ से दूध जैसा सफेद तरल पदार्थ लगातार निकल रहा है।
जिसे देखकर आसपास के ग्रामीण हैरानी में पड़ गए। यह सफेद तरल पदार्थ पेड़ के तने से निकलकर जमीन पर गिरने लगा तो कई लोग इसे रोगों की दवा मानकर बर्तनों में भरकर घर ले जाने में जुट गए।
एक्सपर्ट बोले यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया : वहीं जब इसे लेकर वनस्पति विज्ञान की प्रोफेसर डा.सीमा मारग्रेट सिंह से जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि यह वैज्ञानिक कारण से होता है।
उनके मुताबिक यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। पेड़ में जाइलम नाम की संरचना होती है, जो पौष्टिक तत्वों को तने तक पहुंचाती है। जब जाइलम फट जाता है, तो पेड़ से दूध जैसा तरल पदार्थ निकलने लगता है।
कभी-कभी छोटे कीटों या एफिड्स के संक्रमण से पेड़ के फ्लोएम ऊतक प्रभावित हो जाते हैं, जिससे फ्लोएम में मौजूद तरल पदार्थ बाहर निकलने लगता है। पेड़ में किसी तरह कट लगने से यह प्रतिक्रिया हो जाती है। इसे किसी तरह चमत्कार से नहीं जोड़ना चाहिए।