Bhopal News : भोपाल । भगवान श्रीराम के प्रदेश में विभिन्न आगमन स्थलों के संरक्षण और उन्नयन का कार्य सरकार कर रही है। इसके साथ ही प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण लीला-स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित करने के लिए श्रीकृष्ण पाथेय योजना को क्रियान्वित भी किया जा रहा है। यह बात मुख्यमंत्री मोहन यादव ने करीला धाम में कही।
उन्होंने कहाकि श्रद्धालुओं को आवश्यक मूलभूत सुविधाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए एक करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जाएगी।

मुख्यमंत्री डा.यादव ने बुधवार को अशोकनगर के करीला धाम में मां जानकी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने रंगपंचमी के पावन पर्व पर श्रृद्धालुओं के साथ फूलों की होली भी खेली।

मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम, माता जानकी और रघुकुल के आदर्शों का उल्लेख करते हुए कहाकि उनके द्वारा स्थापित किए गए आदर्श संपूर्ण समाज के लिए प्रेरणादायक है।
उन्होंने कहा कि करीला धाम की दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा ऐसी है कि एक बार जो यहां आता है, वह स्वयं को बार-बार आने से रोक नहीं पाता।
मुख्यमंत्री ने राई नृत्य का जिक्र करते हुए कहा कि जब भगवान श्रीराम के घर में लव-कुश का जन्म हुआ होगा, तब इसे ‘रघुराई नृत्य’ कहा जाता होगा। बता दें करीला धाम को भगवान श्रीराम के पुत्र लवकुश की जन्मस्थली माना जाता है। यहां रंगपंचमी के दिन विशाल मेला लगता है।
बाल-बाल बचे सीएम : करीला धाम में जब मुख्यमंत्री यादव मीडिया से रुबरु हो रहे थे,तभी अचानक सीढ़ी टूट गई। जिसके कारण वह आगे की तरफ झुक गए। मुख्यमंत्री को उनके सुरक्षा कर्मियों ने तत्काल संभाल लिए। जिसके कारण कोई अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हुई।