भोपाल : मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े के मामलों में राज्य पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। अब तक 22 अभ्यर्थियों के विरुद्ध 21 आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इस विषय में पुलिस मुख्यालय भोपाल में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) अंशुमान सिंह ने जानकारी दी।
फर्जी अभ्यर्थियों की पहचान और कार्रवाई की प्रक्रिया : वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आरक्षक जीडी एवं रेडियो पदों की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 6.5 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे। लिखित परीक्षा में सफल 55,220 अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा 16 अक्टूबर से 20 नवंबर 2024 के बीच सम्पन्न हुई। कुल 6,423 अभ्यर्थी चयनित हुए।
शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान मुरैना में पांच अभ्यर्थी अपने स्थान पर अन्य व्यक्ति को परीक्षा में भेजते हुए पकड़े गए थे। इसके बाद सभी चयनित अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक और आधार डेटा की दोबारा जांच के निर्देश जारी किए गए।
तकनीकी जांच से फर्जीवाड़ा हुआ उजागर : जांच में सामने आया कि कुछ अभ्यर्थियों ने परीक्षा से ठीक पहले और बाद में अपने आधार बायोमेट्रिक में संशोधन करवाया था। जांच एजेंसियों ने फिंगरप्रिंट, हस्तलिपि और तकनीकी साक्ष्य के आधार पर इन मामलों की पुष्टि की। संदेहास्पद लोकेशन ट्रैकिंग और दस्तावेजी भिन्नताओं के आधार पर 21 प्रकरण दर्ज किए गए।
इनमें मुरैना में 7, शिवपुरी में 6, श्योपुर में 2 और इंदौर, दतिया, ग्वालियर, अलीराजपुर, राजगढ़ तथा शहडोल में 1-1 मामला शामिल है।

आधार सेवा प्रदाताओं की संदिग्ध भूमिका : विवेचना में यह भी पाया गया कि कुछ आधार बायोमेट्रिक सेवा प्रदाताओं ने बिना जांच के संशोधन अपलोड किए, जिससे यह फर्जीवाड़ा संभव हो सका। जांच अभी जारी है और सभी जिलों में निगरानी बढ़ा दी गई है।