भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि प्रदेश में आमजन की सुविधा के लिए यूनिफाइड पोर्टल सिस्टम तैयार किया जाए। इस पोर्टल से प्रदेशवासियों को विभिन्न विभागों की करीब 1700 सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की योजनाओं की जानकारी जमीनी स्तर तक पहुंचे, इसके लिए प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाए।
सिंहस्थ-2028 के लिए तकनीकी तैयारी : मुख्यमंत्री ने उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ-2028 के लिए विशेष सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान भीड़ प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए नवीनतम तकनीक का भरपूर उपयोग किया जाए। इस दिशा में एमपीएसइडीसी और नगरीय विकास विभाग मिलकर कार्ययोजना तैयार करेंगे।
कानून-व्यवस्था और यातायात प्रबंधन में ड्रोन का उपयोग : राज्य सरकार ने नवीन ड्रोन नीति लागू कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था नियंत्रण और शहरी यातायात प्रबंधन के लिए ड्रोन का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित किया जाए। ड्रोन के माध्यम से निगरानी तंत्र को सुदृढ़ कर डेटा संग्रहण क्षमता बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में राजस्व, नगरीय विकास, जल संसाधन सहित कई विभागों में ड्रोन का सर्वेक्षण और निगरानी कार्य में उपयोग हो रहा है।
आईटी सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा : मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में पहले से ही आईटी पार्क विकसित हैं। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आईटी पार्कों की संख्या बढ़ाई जाएगी और इन्हें पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। साथ ही इंजीनियरिंग महाविद्यालयों की क्षमताओं को आईआईटी के स्तर पर विकसित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
साइबर सुरक्षा के लिए कड़े कदम : डॉ. यादव ने साइबर अटैक की घटनाओं को रोकने के लिए मध्यप्रदेश कंप्यूटर इमरजेंसी टीम (MP-CERT) के गठन और सभी विभागों में मुख्य सुरक्षा अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए। राज्य में सभी आईटी प्रोजेक्ट्स और वेबसाइट्स का सुरक्षा ऑडिट कराने पर जोर दिया गया है ताकि समय रहते खामियों को दूर किया जा सके। इस साल अब तक विशेषज्ञों ने 134 नेटवर्क अटैक को रोकने में सफलता पाई है।

स्पेस टेक नीति जल्द : राज्य के अपर मुख्य सचिव श्री संजय दुबे ने बताया कि प्रदेश की स्पेस टेक नीति तैयार की जा रही है, जिसमें सभी स्टेकहोल्डर्स से सलाह ली जा रही है। इस नीति से नवाचार और तकनीकी क्षमता में वृद्धि होगी। इसके साथ ही डेटा सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर्स, एवीजीसी लैब और सेमीकंडक्टर निर्माण जैसे नए क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जा रहा है।