रूस में दतिया के छात्र की दर्दनाक मौत पर सीएम ने जताया दुख : जल्दी भारत लाया जाएगा पार्थिव शरीर, अचानक हादसे ने छीन ली ज़िंदगी

Datia news : दतिया। रूस में मेडीकल की पढ़ाई करने गए दतिया जिले के छात्र की एक हादसे में हुई मौत के बाद उसके पार्थिव शरीर को भारत वापिस लाने के प्रयासों में शासन प्रशासन जुटा हुआ है।

सीएम मोहन यादव भी कह चुके हैं कि रूस में भारतीय दूतावास के अधिकारियों से भी इसे लेकर लगातार संपर्क किए जा रहे हैं। इधर छात्र की मौत की घटना से पूरा क्षेत्र सदमे में हैं।

दतिया जिले के इंदरगढ़ क्षेत्र के रहने वाले भरत बघेल, जो रूस में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे, एक दर्दनाक हादसे में दुनिया को अलविदा कह गए। बताया गया है कि 20 जून को रूस के आर्कान्जेस्क शहर में जब भरत अपने दोस्तों के साथ खाना खाने गया था, तभी एक दुर्घटना में वह छत से नीचे गिर पड़े। इस हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

इस हृदयविदारक घटना के बाद मध्यप्रदेश शासन ने तुरंत सक्रियता दिखाई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त करते हुए बताया कि भारतीय दूतावास के अधिकारियों से निरंतर संपर्क किया जा रहा है।

ताकि भरत का पार्थिव शरीर जल्द से जल्द भारत लाया जा सके। जिला प्रशासन और विदेश मंत्रालय के सहयोग से प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ाई जा रही है।

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सोमवार को कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन भी इस प्रकरण में पूरी तरह से गंभीर हैं। उन्होंने छात्र भरत बघेल के परिवार से मिलने के लिए संबंधित तहसीलदार को भी वहां भेजा है। कलेक्टर ने मृतक छात्र के पार्थिव शरीर को लाने के बारे में कहाकि शासन स्तर पर सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

जल्दी ही शव भारत आने की संभावना है। जिसे दतिया लाकर ससम्मान पीड़ित परिवार को सौंपा दिया जाएगा। कलेक्टर ने कहाकि दिल्ली से शव को दतिया तक लाने में प्रशासन स्तर पर कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

परिवार और क्षेत्र में पसरा मातम : भरत की मौत की खबर जैसे ही इंदरगढ़ पहुंची, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। भरत के पिता डॉ. मुलायम बघेल और परिवार के अन्य सदस्य इस दुखद खबर से स्तब्ध हैं। क्षेत्रीय विधायक प्रदीप अग्रवाल ने परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

सपनों की उड़ान अधूरी रह गई : भरत 2019 में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए रूस गए थे और इस महीने 28 जून को उनकी डिग्री मिलनी थी। 2 जुलाई को वे भारत लौटने वाले थे और नवंबर में उनकी शादी तय थी।

लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था। अब प्रशासन की कोशिश है कि पार्थिव शरीर को शीघ्र भारत लाकर पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया जाए।

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