Datia news : दतिया। सात दिन के इंतजार के बाद भरत को देश की माटी नसीब हो सकी। रुस में डाक्टर बनने गया भरत कफन ओढ़कर लौटेगा, यह किसी ने नहीं सोचा था। विदेश से शव को भारत लाने में सात दिन का समय लगा। जिसके बाद मेडीकल छात्र का अंतिम संस्कार हो सका।मेडीकल छात्र भरत बघेल का पार्थिव शरीर शुक्रवार दोपहर इंदरगढ़ पहुंचा तो पूरा नगर शोक में डूब गया। शव को देखते ही भरत की मां अचेत हो गई। वहीं घर के अन्य लोगों की आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे। भरत के घर के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। जाे इस घटना को लेकर सदमे में दिखे।
दोपहर बाद नगर में भरत की अंतिम यात्रा निकली। जिसमें काफी संख्या में लोग अंतिमविदाई देने के लिए शामिल हुए। मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार के दौरान विधायक प्रदीप अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर कुशवाह सहित कई गणमान्यजन और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
इससे पहले रुस से छात्र भरत बघेल का पार्थिव शरीर फ्लाइट लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पर अलसुबह पहुंची। वहां मौजूद नायब तहसीलदार मनोज दिवाकर व पटवारी हरिओम शर्मा मृत छात्र के पिता सहित अन्य स्वजन के साथ एयरपोर्ट पर पार्थिव शरीर की सुपुर्दगी के लिए पहुंचे।
जहां सभी कागजी कार्रवाई के बाद शव सुपुर्द किया गया। जिसे एंबुलेंस से इंदरगढ़ लाया गया। एंबुलेंस के इंदरगढ़ में प्रवेश करते ही दुकानदार व अन्य लोगों की सड़क के दोनों ओर भीड़ लग गई।
कस्बे के बेटे की मौत पर सभी स्तब्ध थे। एंबुलेंस से पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। घर के लोग भरत का शव देखकर फूट-फूटकर रोने लगे।

बता दें कि दतिया के इंदरगढ़ कस्बे में रहने वाला भरत बघेल रूस के अर्खगेल्स्क शहर में स्थित नोर्दन स्टेट मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। वह 2019 में रूस गया था।
जहां गत 20 जून को भरत की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। मौत की जानकारी 21 जून को उसके साथ में रहने वाले हरियाणा के एक दोस्त ने फोन कर इंदरगढ़ में उसके पिता मुलायम बघेल को दी थी।
जिसमें होस्टल से तीन किमी दूर रेस्टोरेंट की छत से गिरकर भरत की मौत हो जाने की जानकारी दी गई थी। इसके बाद स्वजन ने भरत का पार्थिव शरीर दतिया लाने के लिए सरकार से गुहार लगाई।
इस मामले में मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने भी इंटरनेट मीडिया पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए छात्र के पार्थिव शरीर को शीघ्र भारत लाए जाने की बात कही थी।
शव पर नजर आए निशान : इधर जब भरत का पार्थिव शरीर इंदरगढ़ स्थित घर पहुंचा तो परिवार के लोगों के सब्र का बांध टूट गया। सभी बिलखकर रोने लगा। इस दौरान जब अंतिम संस्कार की तैयारी की जाने लगी तभी भरत की कमर पर चोट जैसे निशान मिले।
जिसे लेकर मृत छात्र के पिता का कहना था कि बेटे की मौत कैसे हुई, यह अभी भी संदिग्ध है। शव के साथ कोई रिपोर्ट भी नहीं भेजी गई। जिससे पुष्टि हो सके कि मौत किन कारणों से हुई। उन्होंने सरकार से अपने स्तर पर जांच कराए जाने की बात भी कही। उनका कहना था कि भरत का मोबाइल और अन्य लगेज भी साथ नहीं भेजा गया।