भारत के खिलौने अब दुनियाभर में लोकप्रिय : 153 देशों को हो रहा निर्यात, , “मेड इन इंडिया” का दमदार योगदान, जल्द आ सकती है नई प्रोत्साहन योजना !

नई दिल्ली  : वो समय गया जब भारत का खिलौना बाजार पूरी तरह आयातित उत्पादों पर निर्भर था। अब देश में बने खिलौनों की चमक 153 देशों तक पहुंच चुकी है। यह बात केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने  नई दिल्ली में आयोजित 16वें टॉय बिज इंटरनेशनल बी2बी एक्सपो 2025 में कही। उन्होंने इस बदलाव को भारत की नीतिगत प्रतिबद्धता, गुणवत्ता नियंत्रण और घरेलू विनिर्माण को मिले सशक्त सहयोग का परिणाम बताया।


1.4 अरब की जनसंख्या: खुद में एक अवसर :  गोयल ने कहा कि भारत की विशाल जनसंख्या खुद में एक मजबूत बाजार है, जो घरेलू उत्पादकों को उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने में मदद करती है। यही पैमाना भारत के खिलौना उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाता है। उन्होंने उद्योग जगत को सुझाव दिया कि इस मौके को पूरी तरह भुनाने के लिए डिजाइन, पैकेजिंग और ब्रांडिंग में नवाचार को प्राथमिकता दें।


गुणवत्ता की ताकत: QCO से बढ़ा वैश्विक भरोसा : मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) के सख्त प्रवर्तन ने भारतीय खिलौनों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया है। इससे विदेशी बाजारों में भारत के खिलौनों की स्वीकार्यता तेज़ी से बढ़ी है। साथ ही, स्थानीय निर्माताओं को एक नया आत्मविश्वास भी मिला है कि वे वैश्विक ब्रांड्स के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।


“वोकल फॉर लोकल” से आत्मनिर्भरता तक : गोयल ने प्रधानमंत्री मोदी की “वोकल फॉर लोकल” पहल की याद दिलाते हुए कहा कि शुरुआती संदेह के बावजूद, यह दृष्टिकोण अब ‘ग्लोबल फॉर लोकल’ की सफलता गाथा बन चुका है। भारतीय उपभोक्ताओं की सोच में बड़ा बदलाव आया है और स्थानीय उत्पादों का सम्मान और मांग दोनों बढ़ी है।


स्टार्टअप्स को मिला मुद्रा योजना का साथ : देश में खिलौनों की नई अवधारणाएं विकसित करने वाले स्टार्टअप्स को भी सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ मिला है।  गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, जिसे अब 20 साल तक बढ़ा दिया गया है, ने युवाओं को बिना गारंटी ऋण की सुविधा दी है। इससे कई छोटे खिलौना व्यवसायों को अपने सपनों को आकार देने का मौका मिला।


देशभर में 18 खिलौना क्लस्टरों को मिला प्रोत्साहन : खिलौना उद्योग को जमीनी स्तर पर मजबूती देने के लिए MSME मंत्रालय ने देशभर में 18 खिलौना क्लस्टर विकसित किए हैं। इससे न केवल क्षेत्रीय रोजगार को बल मिला है, बल्कि स्थानीय शिल्प और डिज़ाइन को भी पहचान मिली है।


जल्द आ सकती है नई प्रोत्साहन योजना : गोयल ने संकेत दिए कि सरकार जल्द ही खिलौना उद्योग के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना ला सकती है। इस योजना के जरिए उद्योग को डिज़ाइन क्षमता, गुणवत्ता निर्माण, बेहतर पैकेजिंग, और ब्रांड विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग मिलेगा। इसका उद्देश्य भारत को खिलौनों का वैश्विक हब बनाना है।

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