नई दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री 7 अगस्त को सुबह 9 बजे नई दिल्ली के पूसा स्थित ICAR परिसर में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन कृषि, खाद्य सुरक्षा और सतत विकास के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पड़ाव साबित होने जा रहा है।
सम्मेलन का विषय — “सदाबहार क्रांति: जैव-खुशहाली का मार्ग” — देश के अग्रणी कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन के जीवन और कार्यों को समर्पित है। उन्होंने भारत में हरित क्रांति की अगुवाई की और जीवन भर “हर पेट को अन्न” के विचार पर काम किया।
इस मंच पर दुनियाभर के वैज्ञानिक, नीति निर्माता, सामाजिक कार्यकर्ता और विकास विशेषज्ञ एकत्रित होंगे और खाद्य सुरक्षा, जैव विविधता, जलवायु अनुकूलन, सतत आजीविका, महिला-युवा भागीदारी जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।
खास आकर्षण – पहला ‘एमएस स्वामीनाथन खाद्य एवं शांति पुरस्कार’ : प्रधानमंत्री इस सम्मेलन में पहली बार प्रदान किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार का भी वितरण करेंगे। यह पुरस्कार एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (MSSRF) और द वर्ल्ड अकैडमी ऑफ साइंसेस (TWAS) द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया गया है।
यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाएगा जिन्होंने विकासशील देशों में
- वैज्ञानिक अनुसंधान,
- नीति निर्माण,
- स्थानीय समुदाय की भागीदारी,
- और जलवायु न्याय के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और शांति को बढ़ावा दिया हो।
यह पुरस्कार वैश्विक स्तर पर समानता, समावेश और सतत विकास के सिद्धांतों को नया बल देगा।


