नई दिल्ली, अगस्त 2025 — सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच गहरे तालमेल और संचालनात्मक एकजुटता का एक सशक्त उदाहरण है। उन्होंने बताया कि इस संयुक्त अभियान ने तीनों सेनाओं के समन्वय की क्षमता और जटिल मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम देने की दक्षता को स्पष्ट किया है।
तीनों सेनाओं का संयुक्त प्रयास : “ऑपरेशन सिंदूर” को हाल ही में संपन्न किया गया, जिसमें जमीनी, समुद्री और वायु अभियानों को एक साथ जोड़ा गया। इस दौरान सेनाओं ने साझा रणनीति, संसाधन और तकनीकी सहयोग के साथ एकीकृत ढंग से काम किया। इसका उद्देश्य संभावित खतरों पर त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने की क्षमता को मजबूत करना था।
संचालनात्मक उपलब्धियां : अभियान के तहत उन्नत निगरानी प्रणाली, रीयल-टाइम कम्युनिकेशन और सटीक लक्ष्यों पर कार्रवाई जैसी तकनीकों का सफल उपयोग किया गया। इस ऑपरेशन के जरिए सैनिकों को बहुआयामी परिस्थितियों में काम करने का अनुभव भी प्राप्त हुआ।
सीडीएस जनरल चौहान के अनुसार, यह ऑपरेशन भविष्य में संयुक्त युद्ध अभ्यास और वास्तविक अभियानों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान : “ऑपरेशन सिंदूर” ने यह संदेश भी दिया कि भारत की सेनाएं किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे को मजबूती मिली है और रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक आत्मनिर्भरता का लक्ष्य और स्पष्ट हुआ है।