नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और सुदृढ़ बनाने के तहत 476 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को सूची से हटाने की कार्रवाई आरंभ की है। यह कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के प्रावधानों के अनुरूप है, जिसके तहत कोई भी दल यदि लगातार 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ता है तो उसे पंजीकृत पार्टियों की सूची से हटाया जा सकता है।
चुनावी सुधार की पृष्ठभूमि : देश में राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को निर्वाचन आयोग में पंजीकृत होना आवश्यक है। पंजीकरण के बाद दलों को चुनाव चिह्न, कर छूट सहित कुछ विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं।
निर्वाचन आयोग 2019 से उन आरयूपीपी की पहचान कर रहा है, जो पिछले 6 वर्षों से किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं ले रहे हैं, और उन्हें सूची से हटाने की प्रक्रिया चला रहा है।
अब तक की कार्रवाई : इस अभियान के पहले चरण में, 9 अगस्त 2025 को 334 आरयूपीपी को सूची से हटाया गया था, जिससे कुल संख्या 2,854 से घटकर 2,520 हो गई। दूसरे चरण में, देशभर से 476 और ऐसे दलों की पहचान की गई है, जिन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा। इन दलों को अपने पक्ष में तर्क देने का अवसर दिया जाएगा, और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
राज्यवार स्थिति – दूसरे चरण में पहचाने गए 476 दल
क्रम | राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | दलों की संख्या |
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1 | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | 1 |
2 | आंध्र प्रदेश | 17 |
3 | असम | 3 |
4 | बिहार | 15 |
5 | चंडीगढ़ | 1 |
6 | छत्तीसगढ़ | 7 |
7 | दिल्ली | 41 |
8 | गोवा | 5 |
9 | गुजरात | 10 |
10 | हरियाणा | 17 |
11 | हिमाचल प्रदेश | 2 |
12 | जम्मू-कश्मीर | 12 |
13 | झारखंड | 5 |
14 | कर्नाटक | 10 |
15 | केरल | 11 |
16 | मध्य प्रदेश | 23 |
17 | महाराष्ट्र | 44 |
18 | मणिपुर | 2 |
19 | मेघालय | 4 |
20 | मिजोरम | 2 |
21 | नगालैंड | 2 |
22 | ओडिशा | 7 |
23 | पंजाब | 21 |
24 | राजस्थान | 18 |
25 | तमिलनाडु | 42 |
26 | तेलंगाना | 9 |
27 | त्रिपुरा | 1 |
28 | उत्तर प्रदेश | 121 |
29 | उत्तराखंड | 11 |
30 | पश्चिम बंगाल | 12 |
कुल | 476 |
निष्कर्ष : भारत निर्वाचन आयोग का यह कदम चुनावी व्यवस्था में सुधार, निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। इस प्रक्रिया से निष्क्रिय और अप्रासंगिक दलों की पहचान कर राजनीतिक प्रणाली को अधिक जवाबदेह और प्रभावी बनाया जाएगा।