मृत व्यक्ति के मकान को फर्जी तरीके से बेचने की कोशिश : 37 लाख की ठगी करने वालों में कलेक्टर का पूर्व स्टेनो भी शामिल, पांच नामजद

Datia news : दतिया। मृत व्यक्ति के मकान को फर्जी तरीके से बेचने का मामला सामने आया है। इस फर्जीवाडे में पीड़ित व्यक्ति से आरोपितों ने 37 लाख रुपये की ठगी भी कर ली। जब उसने रुपये वापिस मांगे तो आरोपित मुकर गए। रुपये न मिलने पर पीड़ित ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है।

जिसे लेकर पीड़ित पक्ष ने कलेक्टर के पूर्व स्टेनो सहित पांच लोगों को नामजद कराया है। इस फर्जीवाडे की कोतवाली पुलिस जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक मऊरानीपुर उप्र निवासी आत्रेया पाठक ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि दतिया कलेक्टर के पूर्व स्टेनो श्रीनाथ पटैरिया ने अपने साथी विक्रम सिंह, मुकेश पाठक, सोनू पाल और सरोज चौबे के साथ मिलकर उससे मकान विक्रय के नाम पर 37 लाख रुपये की ठगी की है।

अप्रैल 2025 में आत्रेया के परिचित कैलाश तिवारी ने बताया था कि पीतांबरा मंदिर के सामने एक मकान काफी सस्ते दाम में बिक रहा है। मकान किसी अर्जुन आदिवासी का बताया गया। जिसके बारे में जानकारी दी गई कि कलेक्टर की अनुमति के बाद इस मकान की बिक्री हो सकती है।

इसके बाद आत्रेया और उसके स्वजन को गत पांच मई को श्रीनाथ ने मकान दिखाया और कथित मालिक व उसके भतीजे विक्रम से मिलवाया। मकान की कुल कीमत 34 लाख रुपये तय की गई।

जिसमें रजिस्ट्री खर्च तीन लाख 19 हजार 500 रुपये अलग से देने की बात हुई। पीड़ित के मुताबिक उसकी मां व उसने अलग-अलग तारीखों में आरोपितों के बताए खातों में कुल 37 लाख 19 हजार 500 रुपये ट्रांसफर कर दिए।

रजिस्टार कार्यालय में खुली पोल : मकान बिक्री संबंधी आदेश 18 जून को लेकर जब रजिस्ट्री के लिए वह रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचा तो वहां पता चला कि मकान बिक्री की अनुमति का आदेश फर्जी है।

असली मकान मालिक अर्जुन आदिवासी की मौत 11 साल पहले हो चुकी है। जब इस मामले की पोल खुली को श्रीनाथ पटैरिया बाद में रकम लौटाने का आश्वासन देकर पीड़ित को टालता रहा। पुलिस ने मामले में आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज का केस दर्ज कर मामला जांच में लिया है।

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