भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि राष्ट्रपति पुलिस पदक केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि प्रदेश पुलिस के सामूहिक संकल्प और अनुकरणीय कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह अलंकरण उत्कृष्ट कार्य, जनसेवा के प्रति समर्पण और कर्तव्यबोध का प्रमाण है।
राज्यपाल राजभवन के सांदीपनि सभागार में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे, जहाँ राष्ट्रपति के वीरता पदक, विशिष्ट सेवा पदक और सराहनीय सेवा पदक प्राप्त पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
पुलिस की सामाजिक जिम्मेदारी : राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि हर नागरिक की सुरक्षा और पीड़ितों को न्याय दिलाना पुलिस की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सक्रिय, संवेदनशील और सशक्त पुलिस ही स्वस्थ और आदर्श समाज का निर्माण कर सकती है।
उन्होंने विशेष रूप से बल दिया कि पुलिस को केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी अपनी भूमिका को बढ़ाना चाहिए। गरीब, वंचित, दिव्यांग और कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति रखना पुलिस की सबसे बड़ी शक्ति हो सकती है।
वर्दी की गरिमा बनाए रखने का आह्वान : राज्यपाल पटेल ने कहा कि यह अवसर केवल सम्मान का ही नहीं बल्कि आने वाली जिम्मेदारियों और चुनौतियों को गंभीरता से निभाने का भी संकल्प है। उन्होंने कहा कि पदक की चमक पुलिस की वर्दी की शान को और बढ़ाती है, इसलिए अधिकारी व कर्मियों का परम दायित्व है कि वर्दी की मर्यादा और गरिमा को हमेशा बनाए रखें।
समारोह का आयोजन
समारोह में राज्यपाल ने पदक प्राप्तकर्ताओं से व्यक्तिगत परिचय लिया और उन्हें प्रशंसा-पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव (गृह) जे.एन. कंसौटिया, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस.ए.एफ. चंचल शेखर सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, पदक प्राप्तकर्ता और उनके परिजन उपस्थित थे।
डीजीपी कैलाश मकवाना ने स्वागत उद्बोधन में पुलिस की उपलब्धियों और कार्यक्रमों की जानकारी दी, जबकि आभार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक चंचल शेखर ने व्यक्त किया