Datia news : दतिया। अपनी पत्नी को उसके प्रेमी के साथ कमरे में अकेला देख पति के सिर पर खून सवार हो गया। फिर क्या था उसने आंगन में पड़ी कुल्हाड़ी उठाई और पत्नी व उसके प्रेमी को मौत के घाट उतार डाला। यह सनसनी खेज मामला दतिया के दम्मू के बाग के पास घटित हुआ था। अब इस मामले में दोषी पति को सजा दी गई है।
पत्नी और उसके प्रेमी की हत्या करने वाले युवक को दोहरा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश उत्सव चतुर्वेदी के न्यायालय द्वारा आरोपित रवि वंशकार को उसकी पत्नी एवं पत्नी के प्रेमी की हत्या का दोषी मानते हुए दोहरे आजीवन कारावास एवं दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक राजेश पस्तोर ने की।
घटना के संबंध में अपर लोक अभियोजक पस्तोर ने बताया कि 19 जुलाई 2024 को आरोपित रवि वंशकार सिविल लाइन थाने पर खून से सनी हुई कुल्हाड़ी लेकर हाजिर हुआ था।
जहां उसने बताया कि अपनी पत्नी पूजा एवं उसके प्रेमी युवक रवि वंशकार निवासी बरोठा को उसने अपने घर में आपत्तिजनक अवस्था में देखा तो घर के आंगन में रखी कुल्हाड़ी से पत्नी पूजा वंशकार व प्रेमी रवि वंशकार के सिर में अंधाधुंध बार करके उनकी हत्या कर दी।
उक्त सूचना पर सिविल लाइन थाना प्रभारी सुनील बनोरिया सीधे खाती बाबा कालौनी दम्मू का बाग घटनास्थल पर पहुंचे। जहां पर पूजा वंशकार मृत अवस्था में घर के आंगन में पड़ी थी।
जबकि रवि वंशकार निवासी बरोठा भी गंभीर घायल अवस्था में पड़ा था। युवक को तत्काल जिला चिकित्सालय दतिया भिजवाया गया। जहां उसकी मृत्यु हो गई थी।
सिविल लाइन थाना पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना में पाया गया कि पूजा व युवक रवि वंशकार के बीच प्रेम प्रसंग था। मृतक युवक और आरोपित दोनों ही एक नाम राशि होने के साथ आपस में रिश्तेदार भी थे। घटना वाले दिन जब पूजा घर में अकेली थी उसके बच्चे स्कूल गए थे।
तभी पूजा ने अपने पति आरोपित रवि से कहाकि बाजार से सब्जी ले आओ। उसके पति को शक हो गया और वह सब्जी लेने ना जाकर कुछ देर बाद ही घर लौट आया तो देखा कि कमरे के गेट की कुंदी अंदर से लगी हुई थी।
खटखटाना पर भी गेट नहीं खुले तो आरोपित रवि ने कुल्हाड़ी उठा ली। जब 10 मिनट बाद गेट खुले तो अंदर उसकी पत्नी पूजा के साथ मृतक रवि वंशकार मिला। जिसे देख गुस्से में आकर आरोपित ने दोनों की हत्या कर दी।
मामले में अभियोजन की ओर से 17 साक्षी प्रस्तुत किए गए। अभियोजन की ओर से मौखिक फोरेंसिक एवं इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद दोषी मानते हुए आरोपित को सजा सुनाई गई।


