नई दिल्ली : केंद्रीय संचार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 28 अगस्त को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की संचार सेवाओं की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सचिव (दूरसंचार) डॉ. नीरज मित्तल, बीएसएनएल और विभिन्न दूरसंचार कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सेवाओं की बहाली के निर्देश : बैठक में सिंधिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि डोडा और उधमपुर जैसे अत्यधिक प्रभावित जिलों सहित सभी क्षेत्रों में मोबाइल सेवाएँ तुरंत बहाल की जाएँ। उन्होंने कहा कि युद्धस्तर पर कदम उठाकर अंतर-जिला और घाटी संपर्क सामान्य किया जाए।
तकनीकी प्रगति और बहाली कार्य : समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि अधिकांश फाइबर कट बहाल कर दिए गए हैं। ज़मीनी स्तर पर टीमें लगातार क्षतिग्रस्त फाइबर को ठीक करने, लूप बनाने और सेवाओं को पुनः चालू करने में जुटी हैं। इसके साथ ही, दूरसंचार विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में इंट्रा-सर्किल रोमिंग (ICR) की सुविधा शुरू की है। इस व्यवस्था से उपभोक्ता किसी भी नेटवर्क पर कॉल और इंटरनेट का उपयोग कर पा रहे हैं, भले ही उनका प्राथमिक नेटवर्क अस्थायी रूप से बाधित हो।
नागरिकों की जरूरतें प्राथमिकता पर : सिंधिया ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि बाढ़ प्रभावित नागरिकों की सबसे पहली जरूरत यह है कि वे अपने परिवारों और आवश्यक सेवाओं से संपर्क में रह सकें। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि दूरसंचार सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर बहाल किया जाए और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त संसाधन भी तैनात किए जाएँ।
जल्द सामान्य होगी सेवाएँ : बैठक में यह विश्वास जताया गया कि दूरसंचार कंपनियों की त्वरित कार्रवाई और राज्य सरकारों के साथ बेहतर समन्वय के माध्यम से जल्द ही सभी प्रभावित क्षेत्रों में सेवाएँ सामान्य हो जाएँगी।