रायपुर : राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शनिवार को ‘देव हस्त’ रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम का शुभारंभ किया गया। यह मध्य भारत के किसी शासकीय स्वास्थ्य संस्थान में स्थापित होने वाला पहला रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वयं ‘देव हस्त’ पर पहला ड्राई लैब डिसेक्शन कर औपचारिक शुरुआत की।
उन्नत तकनीक से होगा लाभ : ‘देव हस्त’ सिस्टम के माध्यम से जटिल ऑपरेशनों को अधिक सटीकता और सुरक्षा के साथ किया जा सकेगा। इसका लाभ न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि अन्य राज्यों से एम्स रायपुर में भर्ती होने वाले मरीजों को भी मिलेगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी आधुनिक चिकित्सा पद्धति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इससे उपचार की गुणवत्ता और गति दोनों में वृद्धि होगी। उन्होंने जानकारी दी कि शीघ्र ही राजधानी रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में भी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
परिजनों के लिए नई सुविधा : कार्यक्रम के दौरान मरीजों के परिजनों के लिए एम्स रायपुर परिसर में सर्व-सुविधायुक्त परिजन निवास निर्माण की भी घोषणा की गई। दूर-दराज से आने वाले मरीजों के परिवारों को इससे बड़ी राहत मिलेगी।
स्वास्थ्य ढांचे में विस्तार : मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते 20 महीनों में राज्य में पाँच नए मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में प्रदेश में 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इसके साथ ही नवा रायपुर में 5,000 बिस्तरों की क्षमता वाली मेडिसिटी का निर्माण भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जीवनशैली से जुड़ी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अत्याधुनिक तकनीक की आवश्यकता है। इसी दिशा में रोबोटिक सर्जरी जैसे कदम स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत करेंगे।
कार्यक्रम का आयोजन : शुभारंभ समारोह में एम्स रायपुर के निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) डॉ. अशोक जिंदल, विभागाध्यक्ष डॉ. देवज्योति मोहंती, चिकित्सा छात्र और बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे। ‘देव हस्त’ नामकरण प्रतियोगिता की विजेता ज्योत्स्ना किराडू को इस अवसर पर पाँच हजार रुपये की पुरस्कार राशि भी प्रदान की गई।