नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने ग्रामीण स्थानीय निकायों के सुदृढ़ीकरण के लिए तमिलनाडु और असम को कुल 342.128 करोड़ रुपए की अनुदान राशि जारी की है। यह राशि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर वित्त वर्ष 2025-26 और 2024-25 के लिए दी गई है।
जारी जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए तमिलनाडु को अबद्ध अनुदान राशि की पहली किस्त 127.586 करोड़ रुपए दी गई है। इसमें 2901 पात्र ग्राम पंचायतें, 74 ब्लॉक पंचायतें और 9 जिला पंचायतें शामिल हैं। वहीं, असम को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 214.542 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है। यह राशि सभी 2192 ग्राम पंचायतों, 156 ब्लॉक पंचायतों और 27 जिला परिषदों को कवर करती है।
कैसे होगा उपयोग : पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) की सिफारिशों के बाद यह अनुदान वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया गया। अनुदान राशि आमतौर पर दो किस्तों में राज्यों को दी जाती है।
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अबद्ध अनुदान का उपयोग वेतन और स्थापना लागतों को छोड़कर स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जा सकता है। यह खर्च संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों के दायरे में किया जाता है।
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बद्ध अनुदान मुख्य रूप से स्वच्छता, ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्ति) की स्थिति बनाए रखने, घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन, मल उपचार, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण जैसी सेवाओं के लिए निर्धारित है।
ग्रामीण विकास को बढ़ावा : विशेषज्ञों का मानना है कि इस अनुदान से पंचायत स्तर पर विकास कार्यों में तेजी आएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता और स्थानीय जरूरतों के अनुसार आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करने में यह राशि सहायक होगी।
सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीण स्थानीय निकाय आत्मनिर्भर बनें और गांव स्तर पर ही विकास कार्यों की योजना और क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।