मेघालय | केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने शनिवार को प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास पहल (पीएम-डिवाइन) के तहत एकीकृत सोहरा पर्यटन सर्किट की आधारशिला रखी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और पर्यटन क्षेत्र के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
इस मौके पर 233 करोड़ रुपए की लागत वाली कई डीओएनईआर परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया गया। सिंधिया ने कहा कि यह सर्किट सोहरा को विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थायी और अनुभवात्मक पर्यटन के आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित करेगा।
“धरती पर स्वर्ग” में पर्यटन का नया अध्याय : सिंधिया ने मेघालय को “धरती पर स्वर्ग, बादलों और झरनों का आशियाना” बताते हुए कहा कि यह परियोजना राज्य को संपर्कयुक्त, आत्मविश्वासी और प्रतिस्पर्धी बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि इस सर्किट पर 650 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जा रहा है, जिसमें से 221 करोड़ रुपए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा दिए जा रहे हैं। इस पहल के तहत कुटमदन में 115 करोड़ रुपए की लागत से ‘सोहरा अनुभव केंद्र’ बनाया जाएगा, जहाँ पर्यटक मेघालय की जनजातीय संस्कृति, कला, संगीत और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कर सकेंगे।
क्षेत्रीय विकास और संपर्क में तेजी : कार्यक्रम में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया गया। इनमें प्रमुख हैं —
● पिनुरस्ला–मॉलिन्नॉंग सड़क (29.97 करोड़) – एशिया के सबसे स्वच्छ गाँव तक हर मौसम में पहुँच सुनिश्चित करेगी।
● मॉशिन्रुत–हाहिम सड़क (99.76 करोड़) – पश्चिमी मेघालय में कृषि संपर्क को सशक्त बनाएगी।
● जोंगक्षा–वहियाजेर रोड पुल (21.86 करोड़) – पूर्वी खासी हिल्स और जयंतिया हिल्स को जोड़ेगा।
सिंधिया ने बताया कि उमरोई हवाई अड्डे के विस्तार और नए शिलांग बाईपास से गुवाहाटी–सोहरा के बीच यात्रा समय में चार घंटे की कमी आएगी, जिससे यह क्षेत्र व्यापार और पर्यटन दोनों के लिए नया केंद्र बनेगा।
स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार : परियोजना से 4,600 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। साथ ही, मेघालय कौशल विकास सोसाइटी और आईएचएम शिलांग के माध्यम से स्थानीय युवाओं को आतिथ्य, पर्यटन प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सिंधिया ने कहा कि “सोहरा सर्किट यह सुनिश्चित करेगा कि एक पर्यटक की पहली मुस्कान स्थानीय परिवार की पहली आय बने।”
“विरासत और उम्मीद का संगम” : समापन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह परियोजनाएँ केवल बुनियादी ढांचे का विकास नहीं हैं, बल्कि भविष्य के निर्माण की दिशा में कदम हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से मेघालय विकसित भारत @2047 की दिशा में पूर्वोत्तर का अग्रणी राज्य बनेगा।


