भोपाल | मध्यप्रदेश के विकास की उड़ान अब आसमान की नई ऊंचाइयों को छूने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि उज्जैन में नया एयरपोर्ट बनकर राज्य का गौरव बनेगा। यह हवाई अड्डा न केवल पर्यटन और व्यापार को गति देगा, बल्कि बाबा महाकाल की नगरी को वैश्विक हवाई मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र के सहयोग से विमानन क्षेत्र में अधोसंरचना को योजनाबद्ध ढंग से सशक्त बना रही है। हवाई सेवाओं के विस्तार से प्रदेश के नागरिकों को भी “आसमान से जुड़ने” का सपना साकार होते दिखेगा।
सिंहस्थ महाकुंभ से पहले तैयार होगा एयरपोर्ट : सरकार का लक्ष्य वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ मेले से पहले एयरपोर्ट का निर्माण पूर्ण करना है। इससे देश और विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल की नगरी तक पहुंचने में बड़ी सुविधा मिलेगी। उज्जैन का यह एयरपोर्ट प्रदेश का नौवां हवाई अड्डा होगा। इससे पहले इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, खजुराहो, रीवा, दतिया और सतना में एयरपोर्ट बन चुके हैं।
अपर मुख्य सचिव (विमानन) संजय कुमार शुक्ला ने बताया कि एयरपोर्ट निर्माण के लिए एमओयू की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके साथ ही अन्य जिलों में भी नई एयर स्ट्रिप्स और हवाई सेवाओं के विस्तार पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
श्रद्धा, विकास और सुशासन का प्रतीक बनेगा उज्जैन एयरपोर्ट : मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बाबा महाकाल के आशीर्वाद से मध्यप्रदेश विकास के नए आयाम गढ़ रहा है। उज्जैन का एयरपोर्ट केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि यह प्रदेश की श्रद्धा, सेवा और स्वाभिमान का प्रतीक बनेगा।
उन्होंने बताया कि राज्य अब देश का पहला ऐसा प्रदेश बनेगा जहां दो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और इंटर-स्टेट व इंट्रा-स्टेट हवाई सेवाएं एक साथ संचालित होंगी। “पीएमश्री एयर एम्बुलेंस”, “हवाई पर्यटन एयरप्लेन सर्विस” और “हेलीकॉप्टर सेवा” के संचालन से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों को राजधानी और प्रमुख शहरों से जोड़ा जा रहा है।
पुरानी अवंतिका, नई उज्जयिनी : आध्यात्मिक राजधानी उज्जयिनी, जो युगों से धर्म और ज्ञान की धुरी रही है, अब आधुनिक विकास का केंद्र बनने जा रही है। एक नवंबर 2025 को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू की उपस्थिति में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और निर्माण एजेंसी के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए। दताना–मताना हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य आरंभ हो गया है। यह निर्णय उज्जैन को न केवल आस्था का, बल्कि विमानन और पर्यटन का भी वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।


