नई दिल्ली : भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता का चौथा दौर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह वार्ता ऑकलैंड और रोटोरुआ में पांच दिनों तक चली, जिसमें दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने व्यापक और रचनात्मक चर्चा की।
वार्ता के इस चरण में वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार, आर्थिक एवं व्यापारिक सहयोग, और उत्पत्ति के नियमों जैसे प्रमुख विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। दोनों पक्षों ने यह सुनिश्चित करने की दिशा में चर्चा की कि समझौता लचीले, समावेशी और सतत विकास को प्रोत्साहित करे तथा व्यापारिक अवसरों को नए स्तर पर ले जाए।
भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और न्यूज़ीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले ने इस दौर की प्रगति की सराहना की। दोनों नेताओं ने कहा कि प्रस्तावित एफटीए से व्यापार प्रवाह, निवेश सहयोग और आपूर्ति श्रृंखला की सुदृढ़ता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। साथ ही, इससे दोनों देशों के उद्योगों को बेहतर बाज़ार पहुँच और पूर्वानुमान की सुविधा प्राप्त होगी।
भारत-न्यूज़ीलैंड के बीच जारी यह वार्ता, आर्थिक संबंधों को गहराई देने और पारस्परिक लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। दोनों पक्षों ने यह सहमति जताई कि अंतर-सत्रीय बैठकों के माध्यम से संवाद की गति को बनाए रखा जाएगा, ताकि समझौते को शीघ्र और संतुलित रूप से अंतिम रूप दिया जा सके।
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचा, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि एफटीए लागू होने के बाद कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा और सेवाओं जैसे क्षेत्रों में व्यापारिक अवसरों का दायरा और बढ़ेगा।
इस वार्ता के समापन के साथ, दोनों देशों ने साझा रूप से यह दोहराया कि भारत-न्यूज़ीलैंड एफटीए एक ऐसा आर्थिक ढांचा बनेगा जो न्यायसंगत, पारदर्शी और दीर्घकालिक विकास के मार्ग को मजबूत करेगा।


