हादसे को लेकर ठेकेदार की कलेक्टर ने ली क्लास : बोले क्या सोचा था कि आप चैन से सोएंगे और प्रशासन परेशान होगा….!

Datia news : दतिया। इतनी बड़ी घटना के बाद आपने क्या सोचा कि आप चैन से सोएंगे और प्रशासन परेशान होगा। ऐसा कतई नहीं है, अब जांच होगी और जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी। इसलिए जब तक जांच न हो जाए कोई कहीं नहीं जाएगा।

यह कड़ी हिदायत कलेक्टर स्वप्निल वानखडे ने गुरुवार को पीतांबरा पीठ में धराशायी हुए आठ पिलरों की स्थिति का जायजा लेने के दौरान वहां मौजूद ठेकेदार और मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों को दी।

श्री पीताम्बरा पीठ परिसर में निर्माणाधीन पिलर गिरने की घटना को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने तुरंत प्रभाव से चार सदस्यीय जांच दल गठित किया है। यह समिति निर्माण स्थल पर हुई चूक, तकनीकी खामियों और सुरक्षा मानकों के पालन की विस्तृत जांच करेगी।

कलेक्टर द्वारा गठित जांच दल में एसडीएम संतोष तिवारी, ईई पीडब्ल्यूडी आदित्य सोनी, सीएमओ नगर पालिका नागेंद्र सिंह, फायर सेफ्टी ऑफिसर धर्मेंद्र धाकड़ शामिल हैं।

जांच दल को निर्देश दिए गए हैं कि वह निर्माण गुणवत्ता, तकनीकी पहलुओं और सुरक्षा मानकों के अनुपालन की बिंदुवार जांच करे।

साथ ही यह भी देखा जाएगा कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा निर्देशों में कोई चूक तो नहीं हुई, और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए क्या सुधारात्मक कदम आवश्यक हैं।

समिति को तीन दिनों के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपनी होगी। प्रशासन का कहना है कि रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पीठ से जुड़े दस्तावेज किए गए तलब : इस घटना ने पीतांबरा पीठ ट्रस्ट के लिए परेशानियां खड़ी कर दी है। जनसुरक्षा से जुड़े मामले को लेकर प्रशासन ने कार्यकारी ट्रस्टी पीतांबरा पीठ रिलीजियस चेरीटेबिल ट्रस्ट को नोटिस जारी कर निर्माण कार्य की गुणवत्ता को संदेहास्पद प्रतीत होना मानकर निर्माण के संबंध में दस्तावेज तीन दिन में स्पष्टीकरण सहित एसडीएम कोर्ट में उपस्थित होकर प्रस्तुत करने को कहा है।

इन दस्तावेजों में ट्रस्ट गठन संबंधी आदेश की प्रति, वर्तमान ट्रस्टी समिति की जानकारी, निर्माण अनुज्ञा, निर्माण का नक्शा, इंजीनियर कंट्रेक्टर का एग्रीमेंट, सुरक्षा आडिट रिपोर्ट, पिछले वर्षों की आय-व्यय का ब्यौरा, सीएसआर या दान से आई धनराशि का ब्यौरा, लोक निर्माण विभाग व नगरपालिका से ले आउट की अनुमति, ट्रस्ट की बैठक पुस्तिका आदि शामिल हैं।

नियत दिनांक तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत न किए जाने की स्थिति में ट्रस्ट के विरुद्ध मप्र लोक न्यास अधिनियम के तहत कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

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