नई दिल्ली | डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत विकसित पेंशन प्रशासन प्रणाली – रक्षा (स्पर्श) देश का पहला पूर्णतः डिजिटल और एकीकृत रक्षा पेंशन प्लेटफॉर्म बनकर सामने आया है। रक्षा लेखा विभाग (डीएडी) द्वारा संचालित इस प्लेटफॉर्म पर नवंबर 2025 तक भारत और नेपाल में कुल 31.69 लाख रक्षा पेंशनभोगी पंजीकृत हो चुके हैं। प्रयागराज स्थित पीसीडीए (पेंशन) के माध्यम से संचालित यह प्रणाली पहले 45 हजार से अधिक एजेंसियों द्वारा संचालित खंडित व्यवस्था को एक एकीकृत डिजिटल ढांचे में बदलती है।
पुराने विवादों का व्यापक समाधान : ‘स्पर्श’ के माध्यम से पुराने पेंशन मामलों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। पिछली प्रणाली से स्थानांतरित 6.43 लाख विसंगतिपूर्ण मामलों में से 94.3 प्रतिशत, यानी 6.07 लाख मामलों का समाधान किया जा चुका है, वह भी पेंशनभोगियों के अधिकारों को प्रभावित किए बिना।
शिकायत निवारण में सुधार, बढ़ी पारदर्शिता : डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग से शिकायत निवारण प्रक्रिया अधिक प्रभावी हुई है। अप्रैल 2025 में जहां शिकायतों के समाधान में औसतन 56 दिन लगते थे, वहीं नवंबर 2025 तक यह अवधि घटकर 17 दिन रह गई है। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग की रिपोर्ट के अनुसार रक्षा लेखा विभाग को 73 प्रतिशत संतुष्टि अंक प्राप्त हुए हैं।
बुजुर्ग पेंशनभोगियों तक सीधी पहुंच : तकनीकी रूप से कम जानकार और बुजुर्ग पेंशनभोगियों के लिए देशभर में 284 ‘स्पर्श’ पहुंच कार्यक्रम और 194 रक्षा पेंशन समाधान कार्यक्रम आयोजित किए गए। चालू वित्त वर्ष में इन कार्यक्रमों के दौरान 8 हजार से अधिक शिकायतों का मौके पर ही निपटारा किया गया।
डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र और त्वरित वितरण : डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र 4.0 अभियान के अंतर्गत 20.94 लाख डिजिटल प्रमाण-पत्र जारी किए गए, जो सभी विभागों में सर्वाधिक हैं। वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में ‘स्पर्श’ के माध्यम से 1.57 लाख करोड़ रुपये से अधिक की पेंशन राशि का वास्तविक समय में वितरण किया गया।


