मध्य प्रदेश के इंदौर में दूध फाड़ने के लिए प्रतिबंधित रसायन के इस्तेमाल के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए प्रशासन ने दो डेर संस्थानों के मालिकों पर मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लागू करने का फैसला किया है।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अभय बेड़ेकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रशासन के छापों में शहर के पोलोग्राउंड क्षेत्र के पास स्थित दो डेर संस्थानों में 99 प्रतिशत से ज्यादा सांद्रता वाला कुल 70 लीटर एसिटिक एसिड मिला है। बेड़ेकर ने कहा, ये संस्थान बेहद ज्यादा सांद्रता वाले एसिटिक एसिड के इस्तेमाल से दूध को फाड़कर पनीर और अन्य दुग्ध उत्पाद बना रहे थे, जबकि डेरी संस्थानों में इस रसायन का उपयोग प्रतिबंधित है।
उन्होंने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि अधिक सांद्रता वाले एसिटिक एसिड के दूध फाड़ने में इस्तेमाल से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि दूध फाड़ने के लिए एसिटिक एसिड के इस्तेमाल को लेकर दोनों डीन संस्थानों के मालिकों पर एनएसए लगाया जा रहा है ताकि जनता की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले खाद्य कारोबारियों को सबक मिल सके।