भोपाल में शुक्रवार रात हमीदिया अस्पताल की कोरोना यूनिट में लाइट चली गई। इसकी वजह से इमरजेंसी बैकअप का सहारा लिया गया, लेकिन सिर्फ 10 मिनट चलने के बाद वह भी बंद हो गया। ऐसे में अस्पताल में कोरोना वार्डों की बिजली डेढ़ घंटे से ज्यादा ठप रही और कोरोना मरीजों की मशीनों को बंद कर दिया गया। जिसके बाद अस्पताल में कोलाहल मच गया। बिजली न होने की वजह से हाईफ्लो सपोर्ट पर जा रहे दो मरीजों की हालत बिगड़ गई। हालत बिगड़ने के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर लिया गया और साथ ही सीपीआर भी दिया गया। लेकिन कांग्रेस से दो बार पार्षद रहे 67 साल के मरीज कबर खान की रात 10 बजकर 40 मिनट पर मौत हो गई। इसके अलावा दूसरे मरीज की भी हालत खराब है।
10 लाख आता है उपयोगकर्ताओं के रखरखाव का खर्च
अकबर के बाद मेहबूद ने बताया कि जेनरेटर में डीजल न हो पाने के कारण वह चालू नहीं पाया गया था। अस्पताल में शाम 5:58 बजे बिलजी चली गई, जो कुछ घंटे बाद 7 बजकर 45 मिनट पर वापस आई। इस दौरान कोरोना वार्डों में कुल 64 मरीज ते। इनमें से 11 गंभीर रोगियों को आईसीयू वार्ड में रखा गया था। हमीदिया अस्पताल में बिजली बैकअप के लिए बिजली लगाए गए हैं। मेन सप्लाई पर कट जाने से आपके बारे में आपकी बारी हो जाती है और बिजली की सप्लाई करने का लगता है। लेकिन शुक्रवार को यह बैकअप काम नहीं आया। हमीदिया प्रबंधन इसके रखरखाव और डीजल पर हर साल 10 लाख रुपये खर्च करता है।
हर दूसरे दिन डीजल आता है
हमीदिया में किसानों के लिए हर दूसरे दिन 20 लीटर डीजल आता है, लेकिन शुक्रवार शाम को डीजल नहीं था। जब आप बंद हो गए तो आनन-फानन में डीजल मंगवाया गया, उसके बाद उसे चालू किया गया। इसके बाद मैकेनिक को घर से बुलाया गया। मैकेनिक रॉयल मार्केट से पार्टस के बारे में आए और आज को सुदीप, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
फेंट होने से लाइट थी
इस घटना के हमीदिया के डीन और अध्यक्ष को नोटिस दिया गया। पीडब्लडी के इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया और डॉक्टरों को भी नोटिस दिया गया है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ। आईडी चौरसिया ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर में फ्ट होने की वजह से बिजली गई थी। बैकअप से भी 10 दिन में ही सप्लाई मिल गई। सभी वार्डों में डॉ। भेजे गए थे। किसी की मौत होने की जानकारी नहीं है।
भोपाल में शुक्रवार रात हमीदिया अस्पताल की कोरोना यूनिट में लाइट चली गई। इसकी वजह से इमरजेंसी बैकअप का सहारा लिया गया, लेकिन सिर्फ 10 मिनट चलने के बाद वह भी बंद हो गया। ऐसे में अस्पताल में कोरोना वार्डों की बिजली डेढ़ घंटे से ज्यादा ठप रही और कोरोना रोगियों की मशीनों को बंद कर दिया गया। जिसके बाद अस्पताल में कोलाहल मच गया। बिजली न होने की वजह से हाईफ्लो सपोर्ट पर जा रहे दो मरीजों की हालत बिगड़ गई। हालत बिगड़ने के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर लिया गया और साथ ही सीपीआर भी दिया गया। लेकिन कांग्रेस से दो बार पार्षद रहे 67 साल के मरीज कबर खान की रात 10 बजकर 40 मिनट पर मौत हो गई। इसके अलावा दूसरे मरीज की भी हालत खराब है।
10 लाख आता है उपयोगकर्ताओं के रखरखाव का खर्च
अकबर के बाद मेहबूद ने बताया कि जेनरेटर में डीजल न हो पाने के कारण वह चालू नहीं पाया गया था। अस्पताल में शाम 5:58 बजे बिलजी चली गई, जो कुछ घंटों बाद 7 बजकर 45 मिनट पर वापस आई। इस दौरान कोरोना वार्डों में कुल 64 मरीज ते। इनमें से 11 गंभीर रोगियों को आईसीयू वार्ड में रखा गया था। हमीदिया अस्पताल में बिजली बैकअप के लिए बिजली लगाए गए हैं। मेन सप्लाई पर कट जाने से हमारे बारे में आपकी बारी हो जाती है और बिजली की सप्लाई करने का लगता है। लेकिन शुक्रवार को यह बैकअप काम नहीं आया। हमीदिया प्रबंधन इसके रखरखाव और डीजल पर हर साल 10 लाख रुपये खर्च करता है।
हर दूसरे दिन डीजल आता है
हमीदिया में किसानों के लिए हर दूसरे दिन 20 लीटर डीजल आता है, लेकिन शुक्रवार शाम को डीजल नहीं था। जब आप बंद हो गए तो आनन-फानन में डीजल मंगवाया गया, उसके बाद उसे चालू किया गया। इसके बाद मैकेनिक को घर से बुलाया गया। मैकेनिक रॉयल मार्केट से पार्टस के बारे में आया और आज को सुदीप, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
फेंट होने से लाइट थी
इस घटना के हमीदिया के डीन और अध्यक्ष को नोटिस दिया गया। पीडब्लडी के इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया और डॉक्टरों को भी नोटिस दिया गया है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ। आईडी चौरसिया ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर में फ्ट होने की वजह से बिजली गई थी। बैकअप से भी 10 दिन में ही सप्लाई मिल गई। सभी वार्डों में डॉ। भेजे गए थे। किसी की मौत होने की जानकारी नहीं है।