गुरुनानक जयंती पर निकला भव्य नगर कीर्तन : समाजसेवी अमित अग्रवाल ने पालकी पर की पुष्पवर्षा, पूरे शहर में गूंजे ‘जो बोले सो निहाल’ के जयघोष

दतिया। गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर बुधवार को दतिया शहर में भव्य नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। पंजाबी व सिंधी समाज के श्रद्धालुओं ने बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ गुरु नानक देव जी की पालकी का स्वागत किया। सुबह से ही शहर का वातावरण भक्ति और आनंद से भर उठा। नगर कीर्तन जब शहर के प्रमुख मार्गों — टाउनहॉल, बस स्टैंड, अशोक नगर रोड और सिख गुरुद्वारा मार्ग से होकर गुजरा, तो हर स्थान पर श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा से स्वागत किया।

श्रद्धालुओं को पंचमेवा का प्रसाद वितरित करते समाजसेवी अमित

समाजसेवी अमित ने की पुष्पवर्षा और प्रसाद वितरण : कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल हुए युवा समाजसेवी अमित अग्रवाल ने गुरु नानक देव जी की पालकी पर पुष्पवर्षा की और श्रद्धालुओं को पंच मेवा का प्रसाद वितरित किया। उन्होंने स्वयं भी पालकी को कंधे पर लेकर पूरे नगर में भ्रमण किया और गुरु के चरणों में नमन किया।

नगर कीर्तन के दौरान जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए, जहां श्रद्धालुओं द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब की आरती और भजन-कीर्तन किए गए। पूरा वातावरण “सत नाम श्री वाहे गुरु” और “जो बोले सो निहाल” के जयघोषों से गूंजता रहा।


गुरु नानक देव जी के उपदेश आज भी हैं प्रासंगिक : अमित अग्रवाल – इस अवसर पर अमित अग्रवाल ने कहा कि गुरु नानक देव जी के उपदेश आज भी समाज के लिए उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने सैकड़ों वर्ष पूर्व थे। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने मानवता को सत्य, करुणा और सेवा का संदेश दिया। उनके प्रमुख उपदेश — “नाम जपो, किरत करो, वंड छको” — अर्थात प्रभु का स्मरण करो, ईमानदारी से कर्म करो और अपने अर्जित धन का कुछ अंश जरूरतमंदों में बांटो — आज भी जीवन का सार हैं।

अमित अग्रवाल ने कहा, “गुरु नानक देव जी ने सिखाया कि हर जीव में वही ईश्वर है, इसलिए किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए। समानता, प्रेम और भाईचारे का यह संदेश हमेशा मानवता के मार्ग को आलोकित करता रहेगा।”


सामाजिक कार्यों में सदैव सक्रिय रहते हैं अमित अग्रवाल : अमित अग्रवाल शहर में अपने निरंतर सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने दीपावली पर सफाई कर्मियों का सम्मान कर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की थी। पिछले वर्ष जब दतिया में भारी वर्षा के कारण कई बस्तियों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी, तब उन्होंने स्वयं राहत कार्यों की कमान संभाली।

उन्होंने आश्रय, भोजन और आवश्यक सामग्री की व्यवस्था कर प्रभावित परिवारों की मदद की। इसके अलावा वे प्रतिवर्ष निशुल्क नेत्र शिविर का भी आयोजन कराते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोग लाभान्वित होते हैं।

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